जमशेदपुर (ब्यूरो): सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को ट्रांसफर-पोस्टिंग पोर्टल के माध्यम से एक एनजीओ की देखरेख में राज्य के प्रत्येक जिले हेतु बनाए गए सरप्लस शिक्षकों की जारी सूची का अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी ने विरोध किया है। संघ का कहना है कि उक्त सूची में भारी गड़बड़ी है और ऐसा लगता है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम की अनदेखी कर सूची बनाई गई है। कहा गया कि आरटीई के आधार पर 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना ही चाहिए। जहां बच्चों के अनुपात में पदस्थापित शिक्षकों की संख्या कम है वहां भी सरप्लस दिखाया गया है। एक शिक्षकीय विद्यालय में भी रिक्ति नहीं दिखाई गई है।

ध्यान आकर्षित कराया

शिक्षक संघ ने गड़बडिय़ों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय बादिया उर्दू में कक्षा 6 से 8 तक में 142 छात्र संख्या पर दो शिक्षक कार्यरत हैं। यहां एक शिक्षक को सरप्लस दिखाया गया है। इसी तरह प्लस 2 उच्च विद्यालय खंडामौदा में वर्ग 1 से 5 में 75 बच्चों पर तीन शिक्षक कार्यरत हैं। यहां भी 2 को सरप्लस दिखाया गया है। इतना ही नहीं बहरागोड़ा स्थित उडिय़ा मध्य विद्यालय पारुलिया में वर्ग 1-5 में 125 बच्चों पर पांच शिक्षक कार्यरत है। यहां तीन शिक्षक को सरप्लस दिखाया गया है। इसी तरह मध्य विद्यालय धासपदा में क्लास 6 से 8 में 98 बच्चों पर तीन शिक्षक कार्यरत हैं, जहां दो को सरप्लस दिखाया गया है। इसके अलावा घाटशिला स्थित उच्च मध्य विद्यालय धातकीडीह में कक्षा 1 से 5 में 109 बच्चों पर 4 शिक्षक कार्यरत हैं और 6 से 8 में एक भी शिक्षक नहीं है। हैरत इस बात की है कि यहां एक भी रिक्ति नहीं दिखाई गई है, जबकि एक शिक्षक को सरप्लस दिखाया गया है। इसी तरह उच्च मध्य विद्यालय सरजामदा, जमशेदपुर - 2 में वर्ग 1 से 5 में 212 छात्र पर 4 शिक्षक कार्यरत हैं और 6 से 8 में 191 छात्र पर कोई भी शिक्षक नहीं है। हैरत इस बात की है कि यहां 2 शिक्षक को सरप्लस दिखाया गया है।

जल्द सौंंपेंगे ज्ञापन

शिक्षक संघ का कहना है कि, ऐसा प्रतीत होता है कि छात्रों संख्या भी पुरानी ही है। इतना ही नहीं एक शिक्षकीय विद्यालय में भी कोई रिक्ति नहीं दिखाई गई है। इस तरह के ट्रांसफर - पोस्टिंग का अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने विरोध जताया और कहा कि जल्द ही संघ का एक प्रतिनिधिमंडल वरीय पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपेगा।

हैैं कई खामियां

शिक्षक संघ का कहना है कि स्थानांतरण पोर्टल में सरप्लस शिक्षकों की प्रकाशित सूची में सभी जिलों सहित पूर्वी सिंहभूम जिले की सूची में भी कई खामियां हैं। ग्रेड 4 में सृजित इकाई पर प्रोन्नति के उपरांत विधिवत रूप से पदस्थापित शिक्षकों को भी सरप्लस दिखाया गया है। वहीं प्राथमिक विद्यालय जहां 2 शिक्षक अनिवार्य हैं, वहां भी एक शिक्षक को सरप्लस दिखाया गया है। संघ का मानना है कि पुराने छात्र संख्या के आधार पर ही सूची तैयार की गई है।

सूची जारी करने की मांग

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के वरीय शिक्षक प्रतिनिधि सुनील कुमार, जिला अध्यक्ष शिवशंकर पोलाई, जिला महासचिव सरोज कुमार लेंका, संजय कुमार, अनिल प्रसाद, ओम प्रकाश सिंह, संजय केसरी आदि ने पूर्वी सिंहभूम जिले के सरप्लस शिक्षकों की प्रकाशित सूची पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने पहले शिक्षकों को प्रोन्नति देने और इसके बाद विद्यालय वार कुल इकाई, नामांकित कुल छात्र संख्या, पदस्थापित शिक्षक एवं छात्र शिक्षक अनुपात की पूरी समीक्षा के उपरांत आवश्यक होने पर सरप्लस सूची जारी करने की मांग की है। कहा कि कहीं ऐसी स्थिति भी है कि विद्यालय विलय के पश्चात उच्च विद्यालय के सभी शिक्षकों का विलय हो गया, किंतु बच्चे नहीं आए, ऐसी स्थिति में छात्र शिक्षक अनुपात में यदि सरप्लस होना है, तो किसे सरप्लस किया जाए इसका भी नीति निर्धारण आवश्यक है। जहां पिछले वर्ष सहायता आचार्य का पद सृजित किया गया है, वहां भी शिक्षकों को सरप्लस दिखाया गया है। संघ ने कहा है कि लंबित प्रोन्नति देकर तथा अंतर जिला स्थानांतरण से सरप्लस शिक्षकों की समस्या का बहुत हद तक समाधान हो सकता है।