JAMSHEDPUR: हाई कोर्ट के फैसले के बाद पूर्वी सिंहभूम के शिक्षकों ने अपने-अपने तरह से आंदोलन की रणनीति बना ली है। धालभूम अनुमंडल के शिक्षकों ने सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है तो घाटशिला अनुमंडल के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से भेंट करने का निर्णय लिया है।
शिक्षकों की हुई बैठक
इस मामले को लेकर घाटशिला अनुमंडल के हाईस्कूल शिक्षकों की बैठक मंगलवार को फुलडुंगरी वन विश्रामागार में आयोजित हुई। इसमें हाई कोर्ट के निर्णय में पर विचार विमर्श हुआ। बताया गया कि कई लोगों ने समाज को शिक्षित करने के लिए पढ़ाने का कार्य छोड़ा। कई जगह कार्य करने के बावजूद उन्होंने शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा को उत्तीर्ण किया। ऐसे में हाई कोर्ट का निर्णय हमारी उम्मीदों पर पानी फेरने जैसे बात है। गलती किसकी की भी हो, इसमें हमारा क्या दोष इसका जवाब तो सरकार को ही ढूंढना पड़ेगा। निर्णय लिया गया कि इस मामले में घाटशिला अनुमंडल के शिक्षक प्रतिनिधि बुधवार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगे। मुलाकात के बाद उनसे इस मामले को सरकार की ओर से रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दायर करने का अनुरोध करेंगे। सरकार की अगली कार्रवाई देखकर इस मामले में हम अपने स्तर से प्रयास करेंगे। इधर धालभूम अनुमंडल यानि जमशेदपुर, पोटका, पटमदा, बोड़ाम के शिक्षकों ने सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
हमारा दुख-दर्द को समझें
जमशेदपुर के शिक्षकों की बैठक बीपीएल प्लस टू हाईस्कूल बर्मामाइंस में हुई। बैठक में एक शिक्षिका ने कहा कि झारखंड सरकार और जनप्रतिनिधि हमारे दुख दर्द को समझे या फिर पूरे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। हमें जनप्रतिनिधि की कोई आवश्यकता ही नहीं है। अगर जनप्रतिनिधि यह बात बोल कर अपना पल्ला झाड़ देता है कि यह पिछली सरकार का पाप है तो हम लोगों ने इस सरकार पर भरोसा कर सरकार बनायी है कि हमारी नौकरी को बचाया जाए। हम लोगों में से कई लोग पुरानी नौकरी में कार्यरत थे और उसके बाद उस नौकरी को छोड़कर इस नौकरी में अपना योगदान दिया था। आज हम लोग इस जगह पर पहुंच गए है कि हमें भीख मांगना पड़ेगा और हम अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे। मजबूरी में हमारे पास सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मालूम हो कि पूर्वी सिंहभूम में 387 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी।
कोई प्रोफेसर था तो कोई वीएलडब्ल्यू
हाई स्कूल शिक्षक के पद पर योगदान देने से पहले पूर्वी सिंहभूम के 387 शिक्षकों में लगभग 100 शिक्षक विभिन्न स्थानों पर विभिन्न पदों पर कार्यरत थे। कोई प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था तो कोई विलेज लेवल वर्कर (वीएलडब्ल्यू) तो कोई निजी स्कूल में शिक्षक व बैंकों में कार्यरत थे। राजू घोष पहले बहरागोड़ा पॉलिटेक्निक कॉलेज में एसिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्य कर रहे थे, वहां की नौकरी छोड़ उन्होंने हाई स्कूल शिक्षक में योगदान दिया। वे फिलहाल घाटशिला के बनकाटी स्कूल में कार्यरत थे। मुसाबनी के शिवलाल हाई स्कूल में कार्यरत मानस कुमार दत्ता स्टेट बैंक में सीनियर एसोसिएएट के पद कार्यरत थे। गुड़ाबांधा प्रखंड के उच्त्क्रमित उच्च विद्यालय में कार्यरत पीयूष कुमार धावरिया ने बताया कि वे पहले पटमदा प्रखंड के वीएलडब्ल्यू के पद कार्यरत थे। हाई स्कूल शिक्षक के पद पर नियुक्ति के बाद वे लोग लोन लेकर घर बना रहे हैं। अगर हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रहा तो हमारे पास जीने या मरने में से किसी एक को चुनना होगा।