छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: बेंगलुरु दिल्ली विशाखापट्टनम की तर्ज पर टाटानगर रेलवे स्टेशन भी हाईटेक होगा इसके लिए प्लानिंग चल रही है। इस संबंध में आरएलडीए को विस्तृत डेवलपमेंट प्लान मांगी गई है। इसके बाद यह काम शुरू होगा। यह कहना है चक्त्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम वीके साहू का। चक्त्रधरपुर मंडल की ओर से शनिवार सुबह आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वीके साहू टाटा नगर पहुंचे थे।
खाली जमीन पर लगेंगे सोलर पैनल
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन के किनारे जहां भी साढ़े आठ मीटर की जगह होगी, रेलवे उन खाली स्थानों को सोलर पैनल लगाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को देगी। इससे जो बिजली उत्पन्न होगी प्राइवेट कंपनियां चाहे तो उसे रेलवे को दे सकती है। इससे रेलवे अपने उत्पादित बिजली से अपने स्टेशन और यांत्रिक मशीनों का संचालन कर आत्मनिर्भर बनेगी।
बड़े पैमाने पर हो काम
बकौल वीके साहू सोलर पैनल लगाने की प्रक्त्रिया और एमओयू रेल मंत्रालय की ओर से होगा क्योंकि यह कोई छोटा-मोटा प्रोजेक्ट नहीं है और इसके लिए दो चार निजी कंपनियों से भी यह काम नहीं होगा। रेलवे चाहती है कि भविष्य में इस तरह की परियोजना पर बड़े पैमाने पर काम हो ताकि रेलवे की खाली जमीनों का सदुपयोग हो सके और दूसरा जो जगह अतिक्त्रमण हो चुकी है उसे भी वापस पाया जा सके। इसके लिए निजी कंपनियां सोलर पैनल लगाने वाले स्थान पर चारदीवारी करेगी जिससे आवारा मवेशी भी ट्रैक पर नहीं आ पाएंगे। डीआरएम का कहना है इसके अलावा रेलवे हरित ऊर्जा निर्माण के क्षेत्र में भी प्रयासरत है जिससे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का उत्पादन हो। उत्पादित हाइड्रोजन का उपयोग इंजन के संचालन में होगा जबकि ऑक्सीजन का उपयोग रेलवे के अस्पतालों में। उन्होंने बताया कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए रेलवे बोर्ड इस संबंध में प्लानिंग कर रही है।
31 मार्च तक पूर्ण विद्युतिकरण
डीआरएम ने बताया कि 31 मार्च तक चक्त्रधरपुर मंडल पूर्ण रूप से विद्युतीकरण जून में तब्दील हो जाएगा। कांटा बदाम पहाड़ विद्युतीकरण का काम तेजी से चल रहा है और हमें उम्मीद है कि 31 मार्च तक यह काम पूरा हो जाएगा। इस परियोजना के पूरा होते ही चक्त्रधरपुर मंडल पूर्ण रूप से विद्युतीकरण क्लब में शामिल हो जाएगा।