JAMSHEDPUR: टाटा स्टील द्वारा आयोजित जनजातीय सम्मेलन 'संवाद' का चौथा दिन रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से गुलजार रहा। बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में रविवार को देश-विदेश के आदिवासी कलाकारों ने अपनी-अपनी संस्कृति की अद्भुत छटा बिखेरी, तो मैदान में खचाखच भरे दर्शकों ने भी तालियों की गड़गड़ाहट से हर प्रस्तुति को सराहा।
यूं तो कार्यक्रम की शुरुआत हिमाचल प्रदेश की किन्नौरी जनजाति ने शादी-ब्याह का जीवंत चित्रण से की, तो इसी क्रम में महाराष्ट्र की ठाकुर जनजाति ने डोंगरिया नृत्य से समां बांध दिया। इसके बाद मंच अफ्रीकी कलाकारों के नाम रहा, जिसमें सबसे पहले अफ्रीका के कैमरून से आए कलाकार बिंगोनो ने अंकुल नामक लकड़ी के वाद्ययंत्र से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बिंगोनो ने बताया कि आज से करीब दस हजार साल पहले लकड़ी के मांदरनुमा ढांचे पर सूखी लकड़ी के डंडों से चोट करके संवाद स्थापित किया जाता था। अलग-अलग तीव्रता के साथ यह ध्वनि टेलीग्राफ की तर्ज पर बात करती है। इस सांकेतिक भाषा से ना केवल मीलों दूर लोग आपस में बातचीत करते थे, बल्कि यह पूर्वजों की आत्मा से भी बात करने का माध्यम था। आज भी मान्यता है कि इससे निकली प्रतिध्वनि पूर्वजों की आवाज होती है। दर्शक-श्रोता इस अनूठे वाद्ययंत्र पर मुग्ध हो ही रहे थे कि मंच पर दक्षिण अफ्रीका के करीब आधा दर्जन कलाकार अवतरित हो गए। इन महिला-पुरुष कलाकारों ने दक्षिण अफ्रीका की चार जनजातियों स्वाजी, पेरी, जुलू व जोजा को एक साथ प्रस्तुत किया। स्टेज पर बड़े दीये में आग जलाकर उससे निकलते धुएं के बीच नगाड़े बजाते हुए सब अजीब सी गूंज पैदा कर रहे थे। कलाकारों ने बताया कि इस संगीत से ना केवल उनके पूर्वजों की आत्मा जागृत होती है, बल्कि उनसे आशीर्वाद भी मिलता है। आत्मा की आवाज महसूस करते हुए कलाकारों ने स्टेज पर बेहतरीन नृत्य किया, जिसका दर्शकों ने भरपूर लुत्फ उठाया। शहरवासियों के इस प्यार से कलाकार भी अभिभूत हुए बिना नहीं रह सके।
संवाद का समापन आज
जनजातीय सम्मेलन संवाद का समापन सोमवार को होगा, जिसमें सुबह से शाम तक कार्यक्रम होंगे। सुबह आठ बजे से पांरपरिक प्रार्थना सभाहोगी, जबकि इसके बाद वहां कलाकार-प्रतिभागी अपने अनुभव साझा करेंगे। वहीं गोपाल मैदान में सुबह 8.30 से दोपहर 1.30 बजे तक वैद्यराज विभिन्न रोगों के देसी उपचार बताएंगे, तो दोपहर तीन बजे से ट्राइबल आर्ट एंड क्राफ्ट के नाम रहेगा। शाम 5.30 बजे से रात 9.30 बजे तक देश-विदेश से आए जनजातीय कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।