JAMSHEDPUR: टाटा स्टील के लाइम प्लांट ने कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन से लेकर सुरक्षा के मामले में आदर्श स्थापित किया है। कंपनी के सीइओ व प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने शनिवार को इस प्लांट का निरीक्षण किया और विभाग की कार्यशैली को सराहा। इस मौके पर टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (स्टील मैन्यूफैक्चरिंग) सुधांशु पाठक भी मौजूद थे। निरीक्षण के बाद नरेंद्रन ने कहा कि यही हमारी पहचान है। जिस बेहतरीन ढंग से विभाग में शटडाउन के दौरान काम चल रहा है, वह लाइम प्लांट के लिए बेंचमार्क है। एमडी करीब एक घंटे तक प्लांट में रहे और पूरे सिस्टम को नजदीक से देखा। उन्होंने विभाग के पदाधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की कार्यशैली को सराहा। लाइम प्लांट में बेस्ट प्रैक्टिसेस के तहत चल रहे शटडाउन की जानकारी दिसंबर में हुए'एमडी ऑनलाइन' के दौरान विभाग के कमेटी मेंबर प्रवीण धीरज खलको ने बताया था।
16 सीसीटीवी कैमरे से निगरानी
टाटा स्टील का यह पहला प्लांट है, जहां लगभग 82 दिन तक चले शटडाउन के दौरान पूरे क्षेत्र की निगरानी 16 सीसीटीवी कैमरे से की गई। इसके लिए बाकायदा कंट्रोल रूम बनाया गया था, जहां से हर काम को बारीकी से देखा और नियंत्रित किया जा रहा था। यहां पहली बार ठेका कर्मचारियों को हाजिरी बनाने के लिए पंचिंग मशीन लगाई गई, ताकि उनकी गतिविधियां भी देखी जा सके। यदि कोई कर्मचारी 12 घंटे से ज्यादा कार्यस्थल पर मौजूद दिखता था, तो बीप की आवाज आती थी। इस तरह से हर कर्मचारी की कार्यशैली और उसकी सुरक्षा (सेफ्टी) पर भी नजर रखी गई। पहली बार शटडाउन क्षेत्र में ऑनलाइन ऑक्सीजन और कार्बन डाईआक्साइड का स्तर मापने के लिए मशीन लगाई गई है, ताकि कहीं आक्सीजन की कमी या वृद्धि हो तो तत्काल कर्मचारियों को इसकी सूचना मिल जाए। इस तकनीक के उपयोग से विभाग का प्रदूषण स्तर 4.5 तक अंकित किया गया, जो देश में अब तक का सबसे कम स्तर है। इस बेस्ट प्रैक्टिस को देखने के बाद एमडी ने कंपनी के हर विभाग में शटडाउन के दौरान इसका उपयोग करने की बात कही है। हालांकि अभी इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।