छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा स्टील के कर्मचारियों का ग्रेड एक जनवरी-2018 से लंबित है। इसे लेकर प्रबंधन-यूनियन के बीच दो दौर की औपचारिक वार्ता हुई भी, लेकिन ग्रेड की गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाई। इसे लेकर कर्मचारियों में असंतोष का माहौल बना हुआ है। एनएस ग्रेड के कर्मचारियों ने ग्रेड को लेकर यूनियन नेतृत्व से मिला भी था लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। इधर टाटा स्टील में कॉमन (एक समान) ग्रेड कराने को लेकर कवायद शुरू है। सूत्रों के मुताबिक प्रबंधन व यूनियन दोनों कॉमन ग्रेड कराने के पक्ष में है। कंपनी में प्रमुख चार ग्रेड है जिसमें एनएस ग्रेड, स्टील ग्रेड, एसोसिएट व टी ग्रेड शामिल है। इन सभी को मिलाकर एक करने की कवायद चल रही है। इन ग्रेडो में करीब 14,500 कर्मचारी हैं जो ग्रेड समझौते से लाभान्वित होते हैं। इस बार के समझौते में कॉमन ग्रेड होने की पूरी संभावना है जिससे सभी कर्मियों को एक समान लाभ मिलेगा तो कंपनी का काम भी आसान हो जाएगा।
अब ग्रेड समझौते को दबाव
ग्रेड समझौते कराने को लेकर अब दबाव बनना शुरू हो गया है। कर्मचारियों ने यूनियन नेताओं पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इधर यूनियन नेता भी प्रबंधन के साथ होने वाली हरेक बैठक में ग्रेड वार्ता लगातार करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि ग्रेड रिवीजन में विलंब होने से कर्मियों को नुकसान होगा। कर्मचारियों को मिलने वाले एरियर की राशि व भत्ते का सूद नहीं मिलता है जिससे कर्मचारी समय रहते समझौते के पक्ष में है। हालांकि पिछला दो-तीन ग्रेड डेढ़ या दो साल विलंब से ही हुआ है।
उठेगा मेडिकल का मुद्दा
टाटा स्टील कर्मचारियों के ग्रेड रिवीजन में एनएस ग्रेड कर्मियों के मेडिकल का मुद्दा जोर पकड़ेगा। एनएस ग्रेड वालों को रिटायरमेंट के बाद मेडिकल सुविधा पर स्पष्ट नीति नहीं बनी है जिसे लागू कराने की मांग की गई है। ग्रेड के मांग पत्र में इस मुदे को शामिल किया गया है।
ग्रेड पर प्रबंधन-यूनियन के बीच अभी प्रजेंटेशन ही हुई है। समय रहते समझौते कराने की बात हो रही है। बहुत जल्द कंपनी प्रबंधन से मिलकर ग्रेड वार्ता में तेजी लाने का प्रयास किया जाएगा।
आर। रवि प्रसाद, अध्यक्ष टाटा वर्कर्स यूनियन