JAMSHEDPUR: टाटा स्टील में सोमवार को कंपनी प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व के बीच बोनस समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। इस वर्ष कर्मचारियों के खाते में 235.54 करोड़ रुपये बोनस मिले हैं। इनमें जमशेदपुर व ट्यूब डिविजन के खाते में 142.05 करोड़ रुपये आएंगे। कर्मचारियों को बोनस का पैसा 14 अक्टूबर को उनके बैंक खाते में भेजा जाएगा। बोनस की कुल राशि में से ही टीजीएस, माइंस व कोलियरी के कर्मचारियों को भी बंटेगा।
मुनाफा कम फिर भी बेहतर बोनस
ग्रेड रिवीजन समझौते के बाद टाटा स्टील कर्मचारियों को कंपनी में मुनाफा कम होने के बावजूद कर्मचारियों को बेहतर बोनस मिला है। टाटा स्टील में पिछली बार कर्मचारियों को कुल 239.61 करोड़ रुपये बोनस मिला था। इस बार कर्मचारियों को लगभग 4.07 करोड़ कम बोनस मिलने के बावजूद उनके बोनस की राशि में बढ़ोतरी हुई है। इस बार स्टील वेज के कर्मचारी को अधिकतम 3,01,402 रुपये, न्यू सीरीज ग्रेड के कर्मचारी को उनकी उपस्थिति के आधार पर अधिकतम 84,496 रुपये जबकि न्यूनतम 26,839 रुपये बोनस मिलेगा। वहीं, कर्मचारियों को औसतन बोनस 1,10,914 रुपये मिलेंगे। माना जा रहा है कि इस वर्ष कर्मचारियों को 12.90 प्रतिशत बोनस मिला है जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 15.86 फीसदी था।
नहीं मिले सेफ्टी के पांच करोड़
टाटा स्टील कर्मचारियों को इस वर्ष बोनस के रूप में सेफ्टी पर मिलने वाला 5 करोड़ रुपये नहीं मिला। इस मद में प्रबंधन की ओर से कोई राहत नहीं मिली। वित्तीय वर्ष 2019-20 में टाटा स्टील में हुई कई दुर्घटनाओं में कई ठेका व स्थायी कर्मचारी घायल व हताहत हुए थे। ऐसे में लॉस टाइम इंज्यूरी के तहत 0.052 से आंकड़ा होने के कारण सेफ्टी मद में शून्य रुपये मिला। नहीं तो पांच करोड़ रुपये मिलते तो कुल बोनस 240.54 करोड़ रुपये होता जो पिछले वर्ष की तुलना में 93 लाख रुपये ज्यादा होते।
14 अक्टूबर की सीमा तय
टाटा स्टील के कई कर्मचारी जनवरी 2020 से अगस्त 2020 के बीच सेवानिवृत्त हुए। लेकिन इन्हें ग्रेड रिवीजन समझौते के बाद से एरियर का पैसा नहीं मिला है जो लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि है। ऐसे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेड रिवीजन के एरियर का पैसा, बोनस का पैसा दिया जाएगा। इसके बाद ही अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में कर्मचारियों को उनके बोनस का पैसा प्रबंधन देगी। इसलिए बोनस समझौता के बाद कंपनी प्रबंधन बोनस की राशि देने के लिए एक माह का समय ले रही है। वहीं, यूनियन सूत्रों की मानें तो कोरोना वायरस के कारण कंपनी प्रबंधन लिक्विड मनी को भी ध्यान से खर्च कर रही है। इसलिए 14 सितंबर को बोनस समझौता होने के बाद प्रबंधन ने बोनस की राशि का भुगतान करने के लिए 14 अक्टूबर तक का समय ली है।
तीन दौर की वार्ता
टाटा स्टील प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व के बीच बोनस पर तीन दौर की वार्ता हुई। हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि पिछली बार 24 सितंबर को टाटा स्टील में बोनस समझौता हुआ था। इसलिए इस वर्ष भी इसी तारीख के आसपास ही बोनस होगा। लेकिन तीन दौर की वार्ता पर ही बोनस की राशि फाइनल हो गई। चू¨क कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच तीन वर्षो का बोनस फार्मूला बना हुआ था। इसलिए सभी आंकड़े जुटाने के बाद कंपनी प्रबंधन ने 10 दिन पहले ही बोनस समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए।
वर्ष 2020 में खत्म हुई मियाद
टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच पूर्व में तीन वर्षो का बोनस फार्मूला बना था। इसकी मियाद वर्ष 2020 में समाप्त हो चुकी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि नए बोनस फार्मूले पर भी सहमति बनेगी, लेकिन यूनियन में फरवरी 20201 में चुनाव होने वाला है। ऐसे में नई कार्यकारिणी ही बोनस का नया फार्मूला तय करेगी। हालांकि कोरोना वायरस के कारण चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी के मुनाफे में गिरावट होने की उम्मीद है इसलिए भी प्रबंधन ने वर्तमान में नया फार्मूला बनाने के पक्षधर नहीं दिखी।
इन्होंने किया बोनस पर हस्ताक्षर
प्रबंधन से : एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन, वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी, वाइस प्रेसिडेंट (सेफ्टी) संजीव पॉल, वाइस प्रेसिडेंट (शेयर्ड सर्विसेज) अवनीश गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट (स्टील मैन्युफैक्च¨रग) सुधांशु पाठक, पर्सनल एक्जीक्यूटिव ऑफिसर चैतन्य भानु, ग्रुप चीफ आइआर जुबिन पालिया, हेड आइआर राहुल दुबे, चीफ फायनांस कंट्रोलर संदीप भट्टाचार्य सहित अन्य।
यूनियन से : अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अर¨वद पांडेय, महासचिव सतीश कुमार सिंह, उपाध्यक्ष भगवान सिंह, शाहनवाज आलम, शत्रुघन राय, सहायक सचिव धर्मेंद्र उपाध्याय, कमलेश सिंह, नितेश राज व कोषाध्यक्ष प्रभात लाल।
4.07 करोड़ कम मिला बोनस
टाटा स्टील के कर्मचारियों को पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 4.07 करोड़ रुपये कम बोनस मिला है। बीते वर्ष कर्मचारियों को 239.61 करोड़ रुपये बोनस मिला था, जबकि इस वर्ष यह बोनस का आंकड़ा घटकर 235.54 करोड़ पर पहुंच चुका है। हालांकि सेफ्टी पर शून्य राशि मिलने के कारण ऐसा हो पाया। यदि बोनस पर पांच करोड़ रुपये मिलते तो कर्मचारियों को पिछले वर्ष से ज्यादा बोनस मिलता।
कोविड 19 के कारण हम इस समय एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। इसके बावजूद टाटा स्टील ने अपनी प्रतिबद्धता को निभाते हुए कर्मचारियों को पूरे बोनस का भुगतान किया है। प्रबंधन और यूनियन मौजूदा वार्षिक बोनस योजना को संशोधित करने पर सहमत हुई है।
-टाटा स्टील प्रबंधन।