JAMSHEDPUR: आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की 80 प्रतिशत कंपनियां टाटा मोटर्स पर निर्भर है। लॉकडाउन के बीच कुछ कंपनियों को खोलने की अनुमति तो जरूर मिली है, लेकिन शहरी क्षेत्र होने के कारण टाटा मोटर्स बंद है। ऐसे में औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन शुरू करने का कोई औचित्य नहीं है।

विधायक से की मुलाकात

सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री बुधवार को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय से उनके आवासीय कार्यालय बिष्टुपुर में मिले। इस दौरान चैंबर के प्रतिनिधिमंडल ने ग्रीन जोन वाले जिले (पूर्वी सिंहभूम व सरायकेला) में कंपनी, दुकान व व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति देने की मांग की। चैंबर सदस्यों का कहना है कि कई औद्योगिक इकाइयों में माल बनकर तैयार पड़ा है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से डिसपैच नहीं होने से कंपनी मालिकों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। वहीं प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि उन्होंने केंद्रीय लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र भेजकर कंपनियों को राहत देने की मांग की थी लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। इस पर सरयू राय ने प्रतिनिधिमंडल ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री से बात करेंगे।

इनकी रही मौजूदगी

प्रतिनिधिमंडल में चैंबर अध्यक्ष अशोक भालोटिया, महासचिव भरत वसानी, उपाध्यक्ष मानव केडिया, विजय आनंद मूनका, सचिव अनिल मोदी, सदस्य अशोक गोयल, सीआईआई झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष संजय सबरवाल, एकमा से दीपक डोकानिया शामिल थे।

अस्थायी कर्मियों को मिलेगा 12000

जासं, जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में स्थायी कर्मचारियों का वेतन मिल गया है। वहीं कंपनी में कार्यरत करीब 4700 अस्थायी कर्मी अपने वेतन के इंतजार में हैं। इन अस्थायी कर्मचारियों का वेतन स्थायी कर्मियों के साथ ही मिलते रहा है। बीते माह काम करने की अवधि व लॉकडाउन का पैसा मिलाकर कुल 12000 रुपये ही मिला था। जबकि अप्रैल में पूरा माह लॉकडाउन रहा, इस दौरान एक दिन भी कंपनी नहीं चली। काम नहीं करने के बावजूद कंपनी प्रबंधन द्वारा सभी अस्थायी कर्मियों के बैंक खाते में एक-दो दिन के अंदर 12000 रुपये देने की सहमति बनी है। अप्रैल में जितने अस्थायी कर्मियों को वेतन मिला था वे सब वेतन पाने के हकदार हैं। उधर, कंपनी में कार्यरत ठेका मजदूरों को भी मार्च के बराबर अप्रैल का वेतन देने पर सहमति बनी है।