JAMSHEDPUR: दानापुर मंडल के पटना-झाझा मुख्य लाइन स्थित किउल स्टेशन पर रूट रिले इंटरलाकिंग (आरआरआइ) की स्थापना की जा रही है। इसकी वजह से 22 मार्च तक (नन इंटरलाकिंग) प्री-एनआइ वर्क, 23 मार्च से 30 मार्च तक एनआइ वर्क व 31 मार्च से दो अप्रैल तक पोस्ट एनआइ वर्क किया जाना है। एनआइ वर्क के दौरान किउल स्टेशन के समीप नया पैनल लगाया जाएगा। वहीं पुरानी लाइन को खोलकर उसकी ग्रीसिंग की जाएगी, ताकि इस रूट में एकसाथ कई ट्रेनों दौड़ाई जा सकें। इसी दौरान लक्खीसराय स्टेशन पर ब्रिटिश जमाने का एक ब्रिज है, जिसे तोड़ा जाएगा। इसके बाद उसके पास में बने नए ब्रिज से ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा। एनआइ वर्क के दौरान कुछ समय के लिए ब्लॉक को खोला जाएगा, ताकि टाटा से जानेवाली साउथ बिहार एक्सप्रेस व दानापुर एक्सप्रेस का परिचालन हो सके। क्योंकि, इस मार्ग पर ट्रेन संख्या 18181 टाटा-छपरा एक्सप्रेस को 18 मार्च से एक अप्रैल तक टाटानगर स्टेशन से रद कर दिया गया है। वहीं, ट्रेन संख्या 18182 छपरा-टाटा एक्सप्रेस को छपरा स्टेशन से 19 मार्च से दो अप्रैल तक रद कर दिया गया है।
टाटा-दानापुर एक्सप्रेस होगी रीशिड्यूल
ट्रेन संख्या 18183 टाटा-दानापुर एक्सप्रेस 20 मार्च से दो अप्रैल तक तीन घंटे के लिए रीशिड्यूल कर टाटानगर स्टेशन से सुबह 8.15 बजे की जगह 11.15 बजे इसका परिचालन किया जाएगा।
पैसेंजर्स की परेशानी बढ़ी
टाटा-छपरा एक्सप्रेस के रद होने से बरौनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, कटिहार, मधुबनी व छपरा जाने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है।
44 लाख रुपये का नुकसान
टाटा-छपरा-टाटा एक्सप्रेस को 15 दिनों तक रद किए जाने से रेलवे को करीब 44 लाख रुपये का नुकसान होगा। इस ट्रेन में प्रतिदिन डेढ़ हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। प्रतिदिन टाटानगर स्टेशन व आनलाइन से करीब डेढ़ लाख रुपये की टिकट बिक्री होती है।
ट्रेन को बंद करने से पहले विकल्प देना जरूरी : एसोसिएशन
किसी भी ट्रेन को बंद करने से पहले रेलवे को उसका विकल्प देने के बारे में सोचना होगा। यह बातें छोटानागपुर पैसेंजर एसोसिएशन के महासचिव अरुण तिवारी ने कहीं। उन्होंने कहा कि रेलवे ने 15 दिनों के लिए टाटा-छपरा एक्सप्रेस का परिचालन तो बंद कर दिया है। लेकिन उस मार्ग पर जाने वाले यात्रियों के बारे में नहीं सोच और न ही इसके लिए कोई विकल्प ही तैयार किया। ऐसे में अगर यात्री बस की सेवा लेते हैं तो बस की स्थिति भी किसी से छुपी नहीं है। बसों में भीड़ बढ़ेगी और सफर करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण जरूरी है। लेकिन, रेलवे को भविष्य की बातें सोचकर ही आधुनिकीकरण करना चाहिए। ताकि आने वाले 20 वर्षो में फिर से आधुनिकीकरण की नौबत न आए। ट्रेनों का परिचालन फिर बाधित न हो। उन्होंने कहा कि वे गार्डेनरीच व रेलवे बोर्ड को इस संबंध में पत्र लिखेंगे कि ट्रेन को बंद करने की बजाए उसे परिवर्तित मार्ग से चलाने का प्रबंध करें।