छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : देशभर के 407 ए और ए वन रेलवे स्टेशन में स्वच्छता के मामले में कौन बेहतर है, इसका सर्वे भारतीय रेलवे ने कराना शुरू कर दिया है। इसी सर्वे के मद्देनजर टाटानगर स्टेशन में शुक्रवार को दो सदस्यीय टीम तन्मय विश्वास और शहनवाज आलम कोलकाता से पहुंचे हैं। स्वच्छता सर्वे टीम शनिवार तक टाटानगर में सफाई व्यवस्था पर अपनी नजरें टिकाकर रखेंगी। टाटानगर कितना साफ सुधरा है यह बातें पूरी तस्वीर व रिपोर्ट के साथ टीम क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया को सौंपेगी।

रिपोर्ट पर मिलेगी रैंकिंग

कोलकाता से आई दो सदस्यीय टीम ने शुक्रवार की सुबह से ही सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। टीम के आने की जानकारी टाटानगर के अधिकारियों और सफाई ठेकेदार को दो दिन पूर्व से हो गई थी। इसलिए पिछले दो दिनों से स्टेशन में सफाई कर्मचारियों मुस्तैद कर दिया गया है। फूड प्लाजा, स्टॉल संचालक यहां तक की पानी स्टॉल के स्टॉफ भी मुंह में मास्क और हाथों में ग्लब्स पहन कर काम करते नजर आए। सफाई कर्मियों को नई टी शर्ट दी गई है। अधिकारियों ने टाटानगर की साख बचाने के लिए अपने स्तर से पूरी तैयारी कर ली है। लेकिन कई ऐसे कोने हैं जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है जिसे सर्वे टीम प्वाइंट आउट करती है।

सर्वे टीम की नजरें क्या-क्या पर

प्लेटफॉर्म

शौचालय

डोरमेट्री

रिटायरिंग रूम

पार्किंग-पोर्टिको

रेल ट्रैक पर

बुकिंग ऑफिस

प्लेटफॉर्म व एफओबी अन्य ऑफिस

रैकिंग बढ़ाने की हरसंभव कवायद

स्वच्छता के मामले में ए-1 कैटेगरी के 75 स्टेशनों में वर्ष 2017-18 में टाटानगर स्टेशन 58वें स्थान पर था। जबकि वर्ष 2015-16 में टाटानगर स्टेशन की रैंकिंग 19वीं थी। रैकिंग के गिरने का कारण स्टेशन के इन आउट गेट, पार्किंग एरिया व स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया में अव्यवस्था, गंदगी और लिफ्ट एस्केलेटर का निर्माण कार्य की वजह से को महत्वपूर्ण माना गया था।