JAMSHEDPUR: सातवें वेतनमान का बकाया एरियर भुगतान नहीं होने से वरीय रेजीडेंट चिकित्सकों का दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रहा। मंगलवार को महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वरीय रेजीडेंट चिकित्सक पहुंचे लेकिन काम नहीं किया। सिर्फ प्रदर्शन कर चलते बने। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई। दरअसल, एमजीएम अस्पताल में कुल 40 वरीय रेजीडेंट चिकित्सक है। ये ओपीडी से लेकर ऑपरेशन थियेटर में सेवा देते हैं लेकिन इनके हड़ताल पर जाने से दोनों जगहों पर ही अव्यवस्था का आलम देखा गया। सर्जरी ओपीडी में जहां छह से सात डॉक्टर तैनात रहते थे, वहीं मंगलवार को सिर्फ दो डॉक्टर ही तैनात थे। इससे मरीजों की भीड़ बढ़ गई थी। इस दौरान हो-हगंमा भी हुआ। मौके पर होमगार्ड के जवानों ने पहुंचकर मामले को शांत कराया। मेडिसीन, हड्डी सहित अन्य विभागों का भी यही हाल रहा। रेजीडेंट चिकित्सकों के जगह पर इंटर्न व जूनियर चिकित्सकों ने मोर्चा संभाल रखा था। लेकिन, वरीय रेजीडेंट चिकित्सकों जैसा अनुभव नहीं था। वार्डों में भी सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों ने राउंड नहीं लिया। सिर्फ इमरजेंसी विभाग में सेवा करते दिखें। वरीय रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पूरी नहीं हो जाती तब तक वे हड़ताल पर डटे रहेंगे। चिकित्सकों ने कहा कि उनकी समस्याओं को लेकर कांके से भाजपा विधायक समरी लाल ने विधानसभा में उठाया है, जिसे बाबुलाल सहित अन्य ने समर्थन किया है।
बंद था ड्रे¨सग रूम, मरीजों ने किया हंगामा
एमजीएम अस्पताल में सिर्फ एक ही ड्रेसर विनोद कुमार थे, जिनका सोमवार को निधन हो गया। अब अस्पताल में एक भी ड्रेसर नहीं है। इससे ओपीडी में ड्रे¨सग रूम बंद था। इस दौरान कई पुरुष मरीज ड्रे¨सग कराने के लिए पहुंचे थे लेकिन बंद था। मरीजों ने काफी देर तक इंतजार किया। जब कोई नहीं आया तो वे हंगामा करने लगे। इसके बाद होमगार्ड के जवानों ने पहुंचकर मामले को शांत कराया। मरीजों का कहना था कि ड्रे¨सग के लिए एक विभाग से दूसरे विभाग भेजा जा रहा है। इमरजेंसी विभाग जाने से ओपीडी भेज दिया गया और यहां आने से बंद है। ऐसे में मरीज कहां जाएंगे।
एमजीएम में कर्मचारियों की घोर कमी
एमजीएम अस्पताल में डॉक्टर से लेकर नर्स, स्वीपर, टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित अन्य कर्मचारियों की भारी कमी है। अगर कर्मचारी थोड़ा भी इधर-उधर होते हैं तो अस्पताल की अव्यवस्था का आलम देखने को मिलता है। फिलहाल सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों को हड़ताल पर जाने से ओपीडी के सामने मरीजों की लंबी कतार लगी रही। चिकित्सकों का कहना था कि पहले जहां एक-एक ओपीडी में छह से सात डॉक्टर तैनात रहते थे वहीं अब दो से तीन ही तैनात है। वह भी इंटर्न व जूनियर, जिससे मरीजों की लंबी कतार लग गई है।