JAMSHEDPUR: केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार को बैंक, बीमा व डाकघर के साथ आयकर विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे। हालांकि, हड़ताल में स्टेट बैंक शामिल नहीं हुआ, लेकिन यहां भी कामकाज पर असर दिखा। उधर, चाईबासा, चक्त्रधरपुर, सरायकेला में भी जगह-जगह प्रदर्शन हुए। हालांकि सड़क पर यातायात सामान्य रहा।
बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ बड़ौदा, आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, फेडरेल बैंक, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया व पंजाब एंड सिंध बैंक की शाखाओं में ताले लटके रहे और कर्मचारी बाहर मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद करते रहे। इस मौके पर जमशेदपुर में बैंक यूनियन के उप महासचिव हीरा अरकने ने कहा कि यदि केंद्र सरकार का ऐसा ही अडि़यल रवैया रहा और उनकी मांगों की अनदेखी की गई तो वे आंदोलन को और तेज करने को बाध्य होंगे और हड़ताल का दौर भी जारी रहेगा।
इनका मिला समर्थन
ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाईज एसोसिएशन, बैंक इम्प्लाई फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक इम्प्लाई फेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन। वहीं नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लाई और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन बंद में शामिल नहीं है, लेकिन अपना नैतिक समर्थन दिया।
बैंक कर्मचारियों की मुख्य मांगें
-बैंकिंग सुधार के नाम पर बैंकों का विलय बंद हो।
-कॉरपोरेट घरानों द्वारा एनपीए को वसूलने का सख्त कानून बने।
-बैंक कर्मचारियों के वेतन समझौते का जल्द निष्पादन हो।
-बैंकों में रिक्त पदों पर जल्द बहाली हो।
एलआईसी कर्मियों की मुख्य मांगें
-वेतन समझौता जल्द हो।
-न्यू पेंशन स्कीम रद कर पुराने स्कीम को ही प्रभावी रखा जाए।
-बीमा के प्रीमियम को जीएसटी से मुक्त रखा जाए।
-नई बहाली हो।
-निजीकरण व विनिवेश की प्रक्त्रिया बंद हो।
-ठेका कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
-कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में किए गए श्रम कानून में किए गए संशोधन को रोका जाए।