जमशेदपुर (ब्यूरो): हाल के दिनों में भी सुसाइड के कई मामले सामने आए हैं। यह सब कुछ स्ट्रेस और डिप्रेशन के कारण ही होता है। ऐसे में आत्महत्या निवारण केंद्र जीवन संस्था ने इसके अडिट की भी व्यवस्था की है। यानी अब आप अपने स्ट्रेस और डिप्रेशन की अडिट भी करवा सकते हैं। जीवन संस्था के फाउंडर डायरेक्टर डॉ महावीर राम ने आत्महत्या की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि कोरोना महामारी के दौरान 2020 में 258 लोगों ने आत्महत्या की। वहीं नवंबर 2021 तक यह संख्या 243 तक पहुंच चुकी है।

2019 में कम था नंबर

जीवन संस्था ने अपने प्रयास एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं की सहायता से वर्ष 2010 में आत्महत्या की संख्या 200 को कम कर वर्ष 2019 तक 170 तक लाने में सफलता हासिल कर ली थी। जनसंख्या के अनुपात या अनुरूप 2019 में आत्महत्याओं की संख्या 254 हो जाती, अत: 84 आत्महत्याओं को बचा लिया गया।

कर सकते हैं अपनों की हेल्प

डॉ महावीर राम ने कहा कि आम लोगों की जानकारी एवं उनकी सहायता के लिए यह जानना जरूरी है कि आत्महत्या के विचार रखने वाले व्यक्ति क्या संकेत देते हैं। उन विचारों से निदान कैसे पाएं। परिवार के सदस्य, मित्र, सहयोगी कैसे सहायता प्रदान कर सकते हैं, से संबंधित विवरण पत्रिका तैयार कर जीवन संस्था के ऑफिस मे रखा गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जीवन संस्था के ऑफिस से यह पत्रिका नि:शुल्क प्राप्त कर अपने प्रिय व्यक्ति की सहायता कर उन्हें आत्महत्या के प्रयत्न से बचाने का प्रयास कर सकता है। यही नहीं जीवन संस्था द्वारा कई तरह के दूसरे सहयोग भी किए जा रहे हैं। इसके तहत कोई भी व्यक्ति अपना स्ट्रेस और डिप्रेशन का ऑडिट करवा सकता है। इसके लिए भी जीवन संस्था के ऑफिस में नि:शुल्क फॉर्म हासिल कर सकते हैैं।

हर नागरिक पर है दायित्व

जीवन संस्था की दुर्गा राव ने कहा कि इस बढ़ती प्रवृत्ति पर रोक लगाने और आत्महत्या निवारण के लिए सतत प्रयत्न करने का प्राथमिक दायित्व समाज के हर नागरिक पर है। जीवन संस्था अपने दायित्वबोध को निभाने के लिए हर नागरिक से सहयोग की अपेक्षा रखती है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके।

अगर आप किसी भी तरह के मानसिक विकारों एवं आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे हों तो नि:शुल्क भावनात्मक सहयोग के लिए बिष्टुपुर क्यू रोड स्थित जीवन संस्था के कार्यालय में सुबह 10 से शाम 6 बजे तक या हेल्पलाइन नंबर 9297777499/9297777500 पर संपर्क कर सकते हैं।

डॉ। महावीर राम, संस्थापक निदेशक, जीवन