JAMSHEDPUR: लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल सीमा पर पुलिस की खास मुस्तैदी रहेगी। इसके लिए झारखंड-बंगाल सीमा सीमा समेत ओडिशा सीमा तक कुल 140 किमी के दायरे में 14 चेकपोस्ट बनाए जाएंगे। इनमें 24 घंटे चेकिंग की जाएगी। बुधवार को इसे लेकर सीआरपीएफ के बोकारो क्षेत्र के डीआइजी सुरेश शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती नक्सल प्रभावित जिलों की पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के अधिकारी शामिल हुए। बैठक एसएसपी कार्यालय (जमशेदपुर) के कांफ्रेंस रूम में हुई। बैठक के बाद जमशेदपुर के एसएसपी अनूप बिरथरे ने बताया कि बंगाल सीमा पर सक्रिय एक करोड़ के इनामी नक्सली असीम मंडल उर्फ आकाश उसके दस्ते में शामिल 17 नक्सलियों को घेरने की रणनीति बनी है, नक्सली वे आत्मसमर्पण को बाध्य हो जाएं।
लगातार चलेगा जांच अभियान
बिरथरे के मुताबिक बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में चुनाव के समय सीआरपीएफ और पुलिस का अभियान लगातार चलेगा। जब बंगाल में चुनाव होंगे तो झारखंड में और झारखंड में होने पर बंगाल में अभियान चलेगा। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला, पश्चिम बंगाल के मिदनापुर, बेलपहाड़ी, झाडग़्राम, पुरुलिया के सीमावर्ती इलाके में सक्रिय नक्सलियों और अपराधियों पर लगाम को सहमति बनी। एसएसपी ने बताया चुनाव की घोषणा होने पर एक और बैठक सीमावर्ती राज्य के पुलिस अधिकारियों के साथ होगी जिसमें ओडि़शा के अधिकारी भी शामिल होंगे।
ये पुलिस अधिकारी हुए शामिल
सरायकेला-खरसावां के एसपी चंदन सिंहा, पश्चिम बंगाल मिदनापुर डीआइजी अनिल कुमार चतुर्वेदी, सीआरपीएफ 165 बटालियन के कमांडेंट वीके मोहरिल, 169 बटालियन के कमांडेंट बी.एके चौरासिया, 184 बटालियन के कमांडेंट आनंद झा, 193 बटालियन कमांडेंट शिव उपाध्याय, कोबरा बटालियन के एससी भारद्वाज, सीआरपीएफ 167 बटालियन के एसके गंगोपसयाय, 207 कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट पीपी सिंह, 196 बटालियन के हरपाल सिंह, पुरुलिया के एसी कमांडेंट अभिजीत सिन्हा महापात्रा, झाड़ग्राम के सहायक पुलिस अधीक्षक कुंवर भूषण, पूर्वी सिंहभूम जिले के ग्रामीण एसपी सुभाष कुमार जाट, अपर पुलिस अधीक्षक प्रणव आनंद झा समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
इन बिंदुओं पर बनी सहमति
- सीमा पर पुल, पुलिया और सड़क की लगातार होगी जांच।
- नक्सली मामलों में कैसे खुफिया जानकारी शेयर हो उसकी कार्ययोजना बनी।
- नक्सलियों के खिलाफ समय-समय पर किस तरह से अभियान चलाई जाए इसकी रूपरेखा तैयार की गई।
- नक्सलियों के आय के स्रोत माने जाने वाले लेवी वसूली पर रोक लगाई जाए।
- नक्सली दस्ते में शामिल हो रहे रंगरुटों पर निगाह रखी जाए। संगठन में शामिल होने से रोका जाय।
- नक्सलियों के शहरी कनेक्शन का पता लगाया जाय जो इन्हें मदद पहुंचाते हैं।
- चिन्हित वैसे नक्सली नेता जिन पर इनाम घोषित है उनकी गतिविधियों की जानकारी रखी जाए।
- नक्सल मुक्त कराए गए इलाकों पर विशेष नजर व दस्ते में नए सदस्यों के शामिल होने की सूचना मिलने पर उनकी पहचान की जाए।
- अंतर्राज्यीय आपराधिक गिरोह, शराब, मादक द्रव्य तस्कर और अपराधियों की सूची आदान-प्रदान करने।