JAMSHEDPUR : लौहनगरी स्टील सिटी है लेकिन यहां अब तक एक भी स्टील स्ट्रक्चर नहीं था, लेकिन डायमंड स्ट्रक्चर के बाद जमशेदपुर को भी अपना स्टील स्ट्रक्चर मिल गया है। टाटा स्टील हर साल अपने ऑपरेशन क्षेत्र में वहां की संस्कृति और धरोहर को ध्यान में रखकर यादगार के तौर पर स्टील स्ट्रक्चर का निर्माण कराएगी।
बिष्टुपुर स्थित सर दोराबजी पार्क को पुन: शहरवासियों को समर्पित करने के दौरान समारोह को संबोधित करते हुए टाटा स्टील के सीइओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने ये बातें कहीं।
नहीं था यादगार स्ट्रक्चर
बकौल नरेंद्रन, हांग-कांग, ¨सगापुर, लंदन जैसे शहरों में स्टील के बड़े-बड़े स्ट्रक्चर हैं, लेकिन स्टील कंपनी होने के बावजूद हमारे पास कोई यादगार स्ट्रक्चर नहीं था। जबकि बेंगलुरु में बटर फ्लाई पार्क के अलावे हर शहर की अपनी खासियत है। कई लोग जब शहर आए तो इसके बारे में हमसे इस बारे में पूछा भी था। हालांकि बिष्टुपुर मेन रोड और जुस्को की पहल पर कुछ स्टील स्ट्रक्चर जरूर लगे हुए हैं लेकिन वे नाकाफी हैं। इसलिए हमने सर दोराबजी की पत्नी मेहरबाई टाटा की स्मृति में जुबिली डायमंड को यादगार के तौर पर एक बड़ा स्ट्रक्चर तैयार करने का निर्णय लिया।
आभार व्यक्त किया
कुछ लोग मानते हैं कि स्टील बहुत ही बो¨रग धातु है लेकिन ये स्टील ही है जो सालों साल खड़ा रहता है। टाटा स्टील के प्रयास से ही भुवनेश्वर में रथ और मुंबई में गांधीजी के चरखे का भी निर्माण स्टील से करवाया है। हमारी कोशिश होगी कि कंपनी अपने हर ऑपरेशन क्षेत्र में वहां की धरोहर, संस्कृति को ध्यान में रखते हुए स्टील का स्ट्रक्चर बनवाएगी। डायमंड स्ट्रक्चर निर्माण के लिए उन्होंने कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (सीएस) चाणक्य चौधरी व आर्किटेक्ट नुरु करीम के प्रति भी आभार व्यक्त किया।