जमशेदपुर (ब्यूरो): बिष्टुपुर तुलसी भवन में शहर की सामाजिक संस्था जेसीआई जमशेदपुर पहचान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय संगीतमय श्री खाटू श्याम जी की कथा (शीश के दानी की अमर कहानी) का शनिवार को विश्राम हो गया। शनिवार को व्यास पीठ से कथा व्यास श्याम रत्न खाटू वाले पप्पू शर्मा ने भगवान कृष्ण के द्वारा शांति के लिए अंतिम प्रयास भी विफल होने के बाद महाभारत युद्ध की घोषणा का प्रसंग विस्तार से सुनाया। बर्बरीक का युद्ध में आगमन, एक मुहूर्त में समस्त सेना का नाश करने की प्रतिज्ञा, शीश के दान का संकल्प, महाभारत युद्ध का निर्णय, भगवान कृष्ण द्वारा भीमसेन को अपनी शक्ति का एहसास कराने, खाटू धाम में प्रकट होने समेत भगवान कृष्ण द्वारा कलयुग में पूजने का बर्बरीक (श्याम बाबा) को वरदान देने की कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि खाटू श्याम का संबंध महाभारत से है।

घटोत्कच का पुत्र था बर्बरीक

घटोत्कच का पुत्र था बर्बरीक जो अपने पिता से भी बलशाली और मायावी था। बर्बरीक देवी दुर्गा का परम भक्त था। देवी की कृपा से उसे तीन दिव्य बाण की प्राप्ति हुई जो अपने लक्ष्य को साधकर वापस लौट आते थे। उन्होंने आगे कहा कि महाभारत के युद्ध के समय भीम पौत्र बर्बरीक ने प्रण लिया कि इस युद्ध में जो हारेगा वह उनकी तरफ से लड़ेंगे। बर्बरीक की शक्ति से आश्चर्य चकित ब्राह्मणरूपी श्री कृष्ण ने बर्बरीक से दान की आशा की। बर्बरीक ने जब दान मांगने के लिए कहा तो श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उसका शीश मांग लिया। बर्बरीक समझ गया की यह कोई साधारण इंसान नहीं पूछने पर कान्हा ने अपना वास्तविक परिचय दिया। इसके बाद बर्बरीक ने खुशी से अपना शीश दान कर दिया। कृष्ण ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि कलयुग में तुम मेरे श्याम नाम से पूजे जाओगे, जो तुम्हारी भक्ति करेगा उसकी सभी मनोरथ पूर्ण होंगे। श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार बाबा खाटू श्याम की महिमा एकदम निराली है। मान्यता है कि जो भी खाटू श्याम के दर पर आता है, उसकी मुरादें कभी खाली नहीं जाती, इसीलिए बाबा को हारे का सहारा कहा जाता है।

हुई मंगला आरती

इससे पहले सुबह 5.30 बजे हुई मंगला आरती में सैकड़ो भक्त शामिल हुए। उसके बाद 6 बजे बाबा का श्रृंगार किया गया। सुबह 8.30 बजे से जजमान पूजा हुई। तीसरे दिन भी नौ (9) जजमनों ने पूजा की और बजरंग पंडित ने पूजा करायी। तीनों दिनों के कुल 26 जजमनों का गठजोड़ खोलने का कार्यक्रम सुबह 11 बजे हुआ। दोपहर तीन बजे 22 भक्तों ने जोड़ा के साथ सवामनी का प्रसाद (भोग) श्याम बाबा को चढ़ाया। संध्या 8 बजे छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया गया। शयन आरती के बाद तीन दिवसीय कार्यक्रम का विश्राम हुआ। कार्यक्रम के अंतिम दिन इस धार्मिक कार्यक्रम को सफल बनाने में किसी भी प्रकार से सहयोग करने वाले 100 से अधिक लोगों को सामाजिक संस्था जेसीआई जमशेदपुर पहचान द्वारा सम्मानित किया गया।

इनका रहा योगदान

तीनों दिन इस धार्मिक कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से श्याम प्रेमी मुकेश आगीवाल, कविता धूत, रिंकू अग्रवाल, पायल सोंथालिया, पायल गर्ग, कृतिका गोयल, पूजा मोदी, सोनल अग्रवाल, मोनिका बकरेवाल, नेहा सोंथालिया, किरण अग्रवाल, अंजू मोदी, प्रीति बुधिया, संगीता गुप्ता, रिया अग्रवाल, स्वाति अग्रवाल, नीमा मोदी, सीमा अग्रवाल, संगीता काबरा, बीना देबुका, ममता केजरीवाल, आकांक्षा धूत, सोनल केजरीवाल, सुजीता अग्रवाल, नितेश धूत, शैलेश मोदी, विष्णु गोयल, रंजीत बुधिया, प्रमोद देबूका, सौरव सोंथालिया, संतोष अग्रवाल, मनीष बांकरेवाल, प्रदीप अग्रवाल, सुमित अग्रवाल आदि का योगदान रहा।