JAMSHEDPUR: माता अहलवाती के आंगणिए में श्याम लियो अवतार धरती झूमे, अखंड ज्योति की अपार माया श्रीश्याम देव की परवर छाया, धीरे से बोले बर्बरीक माता के कान में मैया तू भेज दे मुझे युद्ध के मैदान मे, हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा, थाली भरकर लाई खिचड़ो., आयो-आयो सांवरिया बेगा आओ हैं छप्पन भोग तैयार जी आदि भजनों पर साकची अग्रसेन भवन में रविवार को दिन भर बाबा श्रीश्याम के जयकारों से गूंजती रही। मौका था बाबा श्याम का अखंड ज्योति पाठ का। बाबा के मनोहारी वर्णन एवं भजनों पर भक्तों ने खूब आनंद किया। इससे पहले श्री गणेश वंदना के साथ सुबह 10.30 बजे से बाबा श्याम का अखंड ज्योति पाठ एवं भजनों का कार्यक्त्रम शुरू हुआ जो संध्या 7 बजे तक चला। इस धार्मिक मौके पर झरिया से पधारे आमंत्रित मुख्य पाठ वाचक शिव कुमार जालान ने श्रीगणेश वंदना के साथ श्रीश्याम अखंड ज्योति पाठ प्रारंभ कराया। उन्होंने अपनी टीम श्याम परिवार के साथ बाबा श्याम के चरणों में भजनों की अमृत वर्षा कर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
झूम उठे श्रद्धालु
राधारानी मंडली की महिलाओं द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य नाटिका देख भक्त झूम उठे। यजमान ओमप्रकाश झाझरिया सपत्नी द्वारा पूजा की गयी और पंडित रवि जोशी ने विधिवत रूप से पूजा करायी और सब भक्तों को रक्षा सूत्र बांधा। कार्यक्त्रम में बतौर अतिथि पहुंचे पूर्व विधायक सह भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़गी का राधा-कृष्ण की फोटो देकर, दुपटटा और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। इस धार्मिक कार्यक्त्रम का मुख्य आकर्षण श्याम बाबा का भव्य दरबार, छप्पन भोग, अखंड ज्योत तथा श्याम रसोई प्रसाद था। फूलों से बाबा का भव्य दरबार साकची सुमन फलवार द्धारा सजाया गया था। कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते हुए इस धार्मिक कार्यक्त्रम का आयोजन श्री राधारानी मंडली एवं श्री राजस्थान कल्याण परिषद की ओर से संयुक्त रूप से किया गया था।
इनका रहा योगदान
इस धार्मिक कार्यक्त्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से राधारानी मंडली की कविता अग्रवाल, बबीता रिंगसिया, सुनीता अग्रवाल, रितिका परसुराम पुरिया, मुस्कान अग्रवाल, ममता अग्रवाल, आशा अग्रवाल और राजस्थान कल्याण परिषद के ओमप्रकाश रिंगसिया, नरेश कांवटिया, महावीर प्रसाद मोदी, राजकुमार चंदुका, सांवरमल अग्रवाल, छेदीलाल अग्रवाल, दीपक पारिक, सुनील देबूका, अशोक अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल, मुकुंद परसुराम पुरिया, बजरंग अग्रवाल, विमल रिंगसिया आदि का योगदान रहा।