JAMSHEDPUR : श्रीश्री साकची शिव मंदिर एवं श्री श्याम परिवार का 32वां श्रीश्री श्याम महोत्सव मंगलवार को शिव मंदिर में धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव को लेकर पूरे मंदिर परिसर समेत पुष्पों से सुज्जित श्याम बाबा का विशाल दरबार सजाया गया था। कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते हुए भक्तों ने लाइन में लगकर बाबा का दर्शन किया और ज्योत ली।
निशान यात्रा की निभाई परंपरा
शोभा (निशान) यात्रा की परंपरा बनी रहे इसलिए 101 भक्तों द्धारा दोपहर 2 बजे से श्याम नाम की ध्वजा लिए शोभा यात्रा निकाली गयी। निशान यात्रा का शुभारंभ साकची शिव मंदिर में पूजा अर्चना के बाद बाबा के जयकारे से हुई। साकची पलंग मार्केट चैक, कालीमाटी रोड़, सागर होटल चौक से काशीडीह होते हुए वापस मंदिर पहुंच कर बाबा श्याम को निशान अर्पित किया गया। शोभा यात्रा के दौरान जय श्री श्याम, शीश के दानी, हारे का सहारा के जयघोष पूरे रास्ते गूंजता रहा। शोभा यात्रा में सबसे आगे एक वाहन पर सजा बाबा श्याम का दरबार के साथ दो बड़े ध्वजा एक बाबा श्याम और दूसरा हनुमान जी का लिये भक्त चल रहे थे। मालूम हो कि हर साल विराट शोभा (निशान) यात्रा मंदिर परिसर से निकली जाती थी, लेकिन इस साल कोरोना के कारण परंपरा को बनाये रखने का प्रयास किया गया।
भजनों पर झूम उठे भक्त
रात 9 बजे से देर रात प्रभु ईच्छा तक भजनों की अमृत वर्षा हुई। आमंत्रित भजन गायक जयपुर के अविनाश शर्मा ने मधुर भजनों की अमृत वर्षा कर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। टाटानगर के भजन गायक महावीर अग्रवाल ने गणपत बलकारी जी से भजन कार्यक्त्रम का शुभारंभ किया। भजन गायकों ने कीर्तन मे यूँ ही होता रहे तेरा ये दीदार सांवरे, हारे के सहारे आजा तेरा दास पुकारे, अपने दिल का हाल म्हे सुनावण आया हैं, दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से, गर ताली बजाओ, खुला हुआ है खुला रहेगा, मोरछड़ी लहराई रे रसिया ओ सांवरा, नैना ने सुरतिया तेरी बहुत सतावें रे, गर जोर मेरो चाले हीरा मोत्या से नजर उतार दू, प्यारा प्यारा श्याम धनी का खूब सच्या दरबार, मेरे सपनों मे आते हैं बाबा श्याम आदि भजनों की प्रस्तुति दी। फाल्गुनी धमाल पर देर रात तक मस्ती में सराबोर रहे भक्तों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर फागुन (होली) की बधाई दी।
ध्वजा एवं अखंड च्योत की पूजा
ध्वजा पूजन मंगलवार की सुबह 11 बजे अनीता-गिरधारी लाल खेमका, बबीता-पवन खेमका, मनीषा-बबलू अग्रवाल एवं अंशुइया-नरेश अग्रवाल ने संयुक्त रूप से किया। संध्या 8.30 बजे अखंड च्योत की पूजा यजमान मंजु-राजकुमार चंदूका ने की। पूजा विधिवत् रूप से विपीन झा के नेतृत्व में पांच पंडितों द्धारा ने करायी गयी और सभी भक्तों को रक्षा सूत्र बांधा। महोत्सव का मुख्य आकर्षण आलौकिक श्रृंगार, छप्पन भोग, अखण्ड च्योत, विशाल संकीर्तन रहा। महोत्सव के दौरान साकची शिव मंदिर श्याम के रंग में रंगा और पूरा महौल भक्तिमय हो गया था।
इनका रहा योगदान
इस धार्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने में प्रमुख रूप से सुभाष साह, कमलेश चौधरी, नरेश अग्रवाल, उमेश साह, नरेश सिंहानिया, सुरेश अग्रवाल, बबलू अग्रवाल, मोहित साह, गिरधारी लाल खेमका, पवन खेमका, ऋषभ मूनका, सुभम देबुका, शंकर लाल अग्रवाल, मनोज अग्रवाल पप्पू, तुषार जिंदल, यश अग्रवाल, अंकित मूनका, मनीष शर्मा, घनश्याम अग्रवाल, अमर डंगबजिया, उमंग अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, अमन खेमका, अमन नरेड़ी, विवेक अग्रवाल, महेश अग्रवाल, अमित साह, राहुल चौधरी आदि का योगदान रहा।