जमशेदपुर (ब्यूरो): श्रीश्री साकची शिव मंदिर एवं श्री श्याम परिवार का 34वां श्री श्री श्याम महोत्सव बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव को लेकर पूरे मंदिर परिसर समेत पुष्पों से सुसज्जित श्याम बाबा का विशाल दरबार सजाया गया था। साकची शिव मंदिर में पूजा अर्चना के बाद बाबा के जयकारे के साथ 1501 निशान यात्रा की शुरुआत हुई, जो साकची बाजार डालडा लाइन, पलंग मार्केट चौक, साकची बिरसा मुंडा चौक से स्टेट माइल रोड से काशीडीह होते हुए वापस मंदिर पहुंची। यहां बाबा श्याम को निशान अर्पित करने के साथ यात्रा पूरी हुई। शोभायात्रा के दौरान जय श्री श्याम, शीश के दानी, हारे का सहारा के जयघोष पूरे रास्ते गूंजता रहा। स्थानीय कलाकार रोहित गुलाटी द्वारा मार्ग में भजनों की प्रस्तुति दी गयी। शोभा यात्रा में सबसे आगे एक वाहन पर सजा बाबा श्याम का दरबार एवं दो घुड़सवार के साथ दो बड़े ध्वजा एक बाबा श्याम और दूसरा हनुमान जी का लिये भक्त चल रहे थे।
151 मोर पंख का निशान
महिलाएं अपने हाथों से 151 मोर पंख से सजाया गया एक बड़ा निशान लेकर शोभा यात्रा में चल रही थीं। शोभा यात्रा में 300 से अधिक महिलाएं एक ही परिधान (पीली रंग की साड़ी) में शामिल हुई। 100 युवा भी एक ही परिधान में शामिल थे।
देर रात तक भजनों पर झूमते रहे श्रद्धालु
रात 9 बजे से देर रात तक भजनों की अमृत वर्षा हुई। आमंत्रित प्रसिद्ध भजन गायक जयपुर से आयी उमा लहरी, कोलकाता से आये राज पारीक ने मधुर भजनों की अमृत वर्षा कर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। साथ ही स्थानीय भजन गायक कृष्णा मूर्ति ने भी बाबा के दरबार में हाजिरी लगायी। भजन गायकों ने विविधतापूर्ण भजनों से खाटू श्याम के जीवन दर्शन से लेकर उनकी महिमा तक के भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। श्री गणेश वंदना म्हारा प्यारा रे गजानन आइज्यो से भजन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। फाल्गुनी धमाल पर देर रात तक मस्ती में सराबोर रहे भक्तों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर फागुन (होली) की बधाई दी।
झूमते रहे श्रद्धालु
भजन गायकों ने हनुमान को खुश करना आसान है, हे मुरलीधर मोहन मेरे श्याम चले आओ, गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ, मुझे अपना बना ले ओ श्याम मुरली वाले, श्याम मुझे दर्शन देजा, वो देखो श्याम बाबा लीले चढ़ आया है, तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं, मांगने की आदत जाती नहीं, श्याम तेरे भरोसे मेरा परिवार है तू ही मेरी नाव का मांझी, जिस घर में खाटू वाले की तस्वीर लगाई जाती है, दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से, हारे के सहारे आजा तेरा दास पुकारे, मोरछड़ी लहराई रे रसिया ओ सांवरा आदि भजनों पर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
ध्वाजा और ज्योत पूजन
ध्वजा पूजन सुबह 11 बजे पांच यजमान बबीता-विजय आनन्द मूनका, निशा-कमल सिंघल, अनीता-अमित शाह, ममता-प्रमोद अग्रवाल, अंजु-दीपक चेतानी ने किया। संध्या 8.30 बजे अखंड ज्योत की पूजा यजमान राम कृष्ण चैधरी के परिवार ने की। पूजा विपीन झा के नेतृत्व में पांच पंडितों द्वारा करायी गयी।
ये रहा मुख्य आकर्षण
महोत्सव का मुख्य आकर्षण शोभा यात्रा, भव्य दरबार, आलौकिक श्रृंगार, छप्पन भोग, अखंड ज्योत और विशाल संकीर्तन रहा।
इनका रहा योगदान
इस धार्मिक कार्यक्रम को सफल बनाने में सुरेश अग्रवाल, सुभाष शाह, बबलू अग्रवाल, नरेश अग्रवाल, उमेश शाह, गिरधारी खेमका, कमलेश चैधरी, पवन खेमका, तुषार जिंदल, आशीष खन्ना, अमित शाह, अंकित अग्रवाल, मोहित शाह, अमन खेमका, नरेश सिंहानिया, अमन नरेड़ी, बजरंग लाल अग्रवाल, अमर डगबाजिया, गौरव जवानपुरिया, राजू दूबे, रवि दूबे, महेश अग्रवाल, मनोज पप्पू अग्रवाल, कविता अग्रवाल, मनीषा संघी, अंजू चेतानी निशा सिंघल, बबली शाह समेत मंदिर समिति की महिलाएं और राधा-रानी संस्था की टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा।