जमशेदपुर (ब्यूरो) । आदित्यपुर नगर निगम में जबरदस्त खेला चल रहा है। जब नगर निगम नहीं था तब जिला प्रशासन और स्थानीय थाना का जलवा था और अब वह जलवा नगर निगम दिखा रहा है। आदित्यपुर थाने के पास स्थित बाजार की कहानी काफी विचित्र है। इस मामले में पिछले 4 दशकों से किसी का कोई ध्यान नहीं है और अब उस बाजार को अपना मानकर नगर निगम मासूल की वसूली कर रहा है।
मैदान में बन रहा जाहेरथान
आदित्यपुर में जो सब्जी मार्केट लगता है वह पहले बाजार के अंदर मैदान में लगता था, लेकिन वहां जाहेरथान बन गया और मैदान की चारदीवारी कर दी गई। इसके बाद सब्जी विक्रेताओं के बाहर निकाल दिया गया। उसके बाद से ही ये सब्जी विक्रेता रोड के किनारे दुकान लगाकर सब्जी की बिक्री कर रहे हैं। इससे रोड जाम भी होता है, लेकिन इसकी परवाह किसी को नहीं है।
रोड किनारे लगा ली दुकानें
पूरे रोड पर 200 से ज्यादा विक्रेता दुकान लगाते हैं। इनमें से कुछ रोज दुकान लगाते हैं और हटा लेते हैं तो कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने स्ट्रक्चर बना लिया है। इस कारण आदित्यपुर थाना वाला पूरा रोड दिनभर जाम ही रहता है। दरअसल, आदित्यपुर बाजार पूरी तरह से अतिक्रमण कर बसा हुआ है। बताते हैं कि यह हाट बाजार की जमीन है। यहां यह व्यवस्था की गई थी कि दुकानदारों को प्रतिदिन दुकानें लगानी हैं और शाम होते ही वहां से सामान हटा लेना है। कुछ समय तक यह सब सही तरीके से चला, लेकिन बाद में सब कुछ अव्यवस्थित हो गया।
बना ली पक्की दुकानें
हाट की इस जमीन पर हर तरफ दुकानें खड़ी हो गई हैं। लोगों ने वहां पक्की दुकानें बना ली हैं और अपना बिजनेस कर रहे हैं। बाजार में 200 से ज्यादा दुकानें हैं और उनमें से एक भी हाट-बाजार वाले कांसेप्ट पर नहीं है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है
बाजार के लिए अभी कहीं जगह नहीं है। नगर निगम को लिख कर दिए है। अंदर से अतिक्रमण खाली कराकर सब्जी वालों को दिया जाए। पहले मैदान में लगता था। जाहेरथान बन गया तो वहां से हटा दिया गया। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि आदित्यपुर का पूरा बाजार ही अतिक्रमित है।
सरकारी शेड का अतिक्रमण
बाजार में स्थित सरकारी शेड का भी लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। शेड को दुकानदारों ने दुकानें खड़ी कर उस जगह को पूरी तरह से घेर दिया है, जिससे लोगों का वहां आना-जाना भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा बाजार के बीच गंदगी का अंबार लगा है।
45 साल से अतिक्रमण
बताते हैं कि बाजार में पिछले 40-45 साल से अतिक्रमण है। एक भी दुकान यहां किसी को अलॉट नहीं की गई है, लेकिन लंबे समय से बाजार चल रहा है और किसी को कोई परवाह नहीं है। इससे लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। खास बात यह है कि अतिक्रमण वाली दुकानों से मासूल वसूला जा रहा है। एक दुकान से न्यूनतम 200 रुपए का मासूल लिया जा रहा है।

बाजार में एक भी दुकान अलॉटेड नहीं है। यह डेली हाट है। रोजाना-दुकान लगाना और हटाना है, लेकिन अब यहां पूरा स्ट्रक्चर बन गया है। सब्जी मार्केट के लिए कई बार नगर निगम को भी लिखा, लेकिन कोई पहल नहीं हुई।

मनोज पासवान, बाजार मास्टर, आदित्यपुर