JAMSHEDPUR: चमकौर के शहीदों को समर्पित शोभा यात्रा गुरुवार की सुबह रामदास भट्टा गुरुद्वारा से निकाली गई। जिसके पूर्व गुरुद्वारा में कीर्तन गायन कर स्त्री सभा ने संगत को निहाल किया। कार्यक्रम का आयोजन गुरुद्वारा के प्रधान बलवीर सिंह बल्ली की देखरेख में हुआ। शोभा यात्रा सुबह-सुबह निकाली। इसमें सबसे पहले गतका टीम में शामिल बच्चों ने करतब दिखाया। उसके पीछे पालकी साहिब फूलों से सजी हुई बढ़ रही थी। पालकी साहिब के पीछे स्त्री सभा व संगत कीर्तन गायन करते हुए चल रहे थे। शोभा यात्रा गुरुद्वारा से निकलकर ¨हद क्लब होते हुए रानीकुदर, बिष्टुपुर गुरुद्वारा होते हुए वापस रामदास भट्ठा गुरुद्वारा लौटी। शोभा यात्रा के लौटने के पश्चात गुरु का अटूट लंगर संगत के बीच बांटा गया। इस मौके पर गुरुशरण सिंह सहित स्त्री सभा व रामदास भट्ठा की संगत शामिल थी।
प्रचारक ने महाराष्ट्र की संगत को सुनाई चमकौर की कथा
उधर, गुरमत प्रचार केंद्र जमशेदपुर के प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी महाराष्ट्र में प्रचार दौरा कर गुरुवार को शहर पहुंचे। इन्हें महाराष्ट्र की संगत ने खासतौर पर कथा करने के लिए बुलाया था। महाराष्ट्र की संगत को उन्होंने गुरु साहिब के चार साहिबजादों एवं चमकौर साहिब के सिख शहीदों के इतिहास से संगत को रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि नौजवान सिख भाइयों को साहिबजादों की महान शहादत से कुछ सीख लेने की जरूरत है। उन्होंनेनौजवानों एवं बच्चों को पगड़ी का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा की नौजवान प्रतिदिन पगड़ी सजाएं और टोपी को त्यागें क्योंकि इस पगड़ी के लिए गुरू साहिबानों ने अपना आप वार दिया था, पर इस ताज को अपने से दूर नहीं होने दिया। उन्होंने बहनों व बुजुर्ग माताओं से आग्रह किया कि माता गुजर कौर का इतिहास जरूर याद रखे और अपने बच्चों को भी साहिबजादों की तरह धर्म के प्रति जागरूक करें।