जमशेदपुर (ब्यूरो): एक्सएलआरआई के पीजीडीएम (जीएम) की ओर से चल रहे सीएक्सओ सेशन का समापन हो गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक के एमडी और सीईओ इंद्रजीत कैमोत्रा उपस्थित थे। उन्होंने एक्सलर्स को संबोधित करते हुए कहा कि यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक है, जिसे सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड द्वारा एक संयुक्त निवेशक के रूप में रेजिलिएंट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ प्रवर्तित किया गया है। श्री कैमोत्रा ने बैंकिंग उद्योग और यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक के मिशन और विजन पर अपने विचार साझा करते हुए सत्र की शुरुआत की। उन्होंने बैंक संचालन के पीछे की विचार प्रक्रिया को साझा करते हुए कहा कि बैंक &यू&य अक्षर यानी एक साथ दृढ़ विश्वास के साथ आपस में हाथ पकड़े लोगों का प्रतीक है। ये प्रतीक बैंक में लोगों के जन-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।

डिजिटल बैंक बनने की राह पर

इस दौरान उन्होंने यह भी साझा किया कि यूनिटी सही मायने में भारत का पहला डिजिटल बैंक बनने की राह पर है। इस दौरान उन्होंने प्रबंधन के बारे में भी बात की। श्री इंद्रजीत ने उन मुद्दों पर भी चर्चा की जिनका आज एक फिनटेक कंपनी सामना कर रही है, साथ ही कैसे उन्होंने इन अंतरालों को पूरा करने के तरीके खोजे इससे जुड़ी बातें भी बतायी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 2022 में यूनिटी फाइनेंस बैंक को &अनुसूचित बैंक&य का खिताब मिला है। उन्होंने कहा कि भारत में 37 बैंकों के बीच आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा कि यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक ने इस बात को साबित किया कि कैसे बैंक के पास सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी पहलू पर खूब काम किया है, ताकि पूरा बैंक ग्राहक की हथेली में आ सके। जिससे वे इस बात को पुरज़ोर तरीके से कह सकें कि &बैंक डाउनलोड करें और ऐप नहीं.&य

ओपन सेशन का आयोजन

इसके बाद एक ओपन सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होंने साइबर सुरक्षा की चुनौती के बारे में कुछ सवालों के जवाब दिए, उन्होंने कहा कि उनके पास एक प्रौद्योगिकी टीम है जो इस पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने वर्तमान बाजार परिदृश्य और रेपो दर से संबंधित सवालों का भी जवाब दिया कि यूनिटी ऐसी परिस्थितियों में कैसे फलने-फूलने की योजना बना रही है। विद्यार्थियों ने उनसे डिजिटल फाइनेंसिंग एप्लिकेशन और भारत के बड़े विशाल बैंकिंग घरानों के साथ प्रतिस्पर्धा में यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक की रणनीति के बारे में भी पूछा। उन्होंने ई-रुपये पर भी अपने विचार साझा किए। व्याख्यान सत्र के अंत में प्रो कनगराज अय्यालुसामी ने इंद्रजीत कैमोत्रा को स्मृति चिह्न भेंट किया।