जमशेदपुर (ब्यूरो): मानगो एनएच-33 स्थित वसुंधरा एस्टेट में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को वृंदावन से पधारे स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने कथा के माध्यम से भगवान शिव और श्री कृष्ण के अलग-अलग रूपों की जीवंत झांकियों का दर्शन कराया। अपनी मधुर वाणी से जड़ भरत एवं कपिल देवहुति संवाद, सत्य और वक्त पर परिचर्चा करते हुए समय का सदुपयोग करते हुए भगवान का स्मरण करने को कहा, क्योंकि जो समय बीत गया वो कल नहीं आएगा, अत: मनुष्य का सबसे कीमती चीज वक्त है, जो पैसे से भी नहीं खरीदा जा सकता। भक्तों को कथामृत का रसपान कराते हुए उन्होंने कहा कि जड़ भरत जब तक संसार में रहे, अपने आचरण और व्यवहार से अपने ज्ञान को प्रकट करते रहे। जब अंतिम समय आया, तो चिरनिद्रा में सो गए, ब्रह्म में समा गए। यह सारा जगत ब्रह्म से निकला है और ब्रह्म में ही समा जाता है। ब्रह्म की इस लीला को जो समझ पाता है, उसी को जगत में सुख और शांति प्राप्त होती है।
धर्म की जड़ हमेशा हरी रहती है
स्वामी जी ने कपिल मुनि प्रसंग का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि सदाचार का पालन करना ही मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है। भगवान एक है किंतु उसके रूप अनेक हैं। प्रभु घट घट में विराजमान है। भगवान की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता है। उन्होंने कहा कि धर्म की जड़ सदा हरी रहती है।
परमात्मा को पाने का साधन है प्रेम
शास्त्री जी ने आगे कहा कि सत्य के मार्ग पर चलने वालों की कभी हार नहीं होती। प्रेम ही परमात्मा का स्वरूप है और परमात्मा को प्रेम प्रिय है। परमात्मा को पाने का साधन प्रेम ही है और प्रेम को प्रकट करने के लिए परमात्मा की कथा सुनना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अन्न का कण और संत का क्षण बहुमुल्य होता है। कथा वाचक ने कहा कि भागवत के मुख्य श्रोता हैं राजा परीक्षित, उनको श्राप के कारण श्री सुखदेवजी ने सात दिन की भागवत कथा का श्रवण कराया। राजा परीक्षित का सात दिनों के अंदर निधन हो जाता है, यानि कि सात दिन में ही मनुष्य शरीर को छोड़ता है।
संगीत पर थिरके भक्त
भागवत कथा के दौरान हुए भजन संगीत कार्यक्रम एवं धार्मिक धुन पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। आज के मुख्य यजमान किरण-उमा शंकर शर्मा के अलावा कृष्ण शर्मा काली, जयप्रकाश शर्मा गोविन्दा शर्मा, राखी शर्मा, रवि शर्मा, चंदन शर्मा, शत्रुघ्न शर्मा, श्रवण शर्मा, भारत शर्मा, शिव शर्मा, आशीष शर्मा, आनंद शर्मा, जया, मंगला, पूजा, जूही, शांभवी, भक्ति, रिधिमा, आराध्य, पिया, पीहू एवं समस्त शर्मा परिवार उपस्थित थे।
शिव कथा महोत्सव
कृष्ण शर्मा काली ने बताया कि स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज द्वारा व्यासपीठ से श्री पाशुपात्य व्रत शिव कथा महोत्सव का प्रसंग तीन दिन 30 दिसंबर से एक जनवरी तक रोजाना दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक सुनाया जायेगा।