JAMSHEDPUR: जुगसलाई के टाटा पिगमेंट गेट के पास पार्क में मारे गए बागबेड़ा के लाल बिल्डिंग के करीब रहने वाला सरोज उपाध्याय अपने घर से मंगलवार की रात डेढ़ बजे निकला था। रात को तकरीबन डेढ़ बजे सरोज के मोबाइल पर किसी का फोन आया था और इसी के बाद वो घर से निकल गया। ये बातें सरोज के छोटे भाई अमरेंद्र उपाध्याय ने बताई।
अमरेंद्र ने बताया कि वो भाई सरोज के बगल में ही पलंग पर सोता था। सरोज मंगलवार की रात तकरीबन 12 बजे ही घर लौटा था। जब सरोज के मोबाइल पर फोन आया तो अमरेंद्र भी जाग रहा था। उसने देखा कि भैया फोन पर बात करने के बाद नाइट सूट में ही चप्पल पहन कर निकल गए। सरोज ने घर का गेट तक बंद नहीं किया था। उसने सोचा कि वो यहीं कहीं गए होंगे। पिता दीपेंद्र कुमार सुबह साढ़े तीन बजे उठे तो देखा सरोज घर में नहीं है। इस पर उन्होंने अमरेंद्र से इस बारे में पूछा। इस पर अमरेंद्र ने रात को सरोज के घर से निकल कर जाने की बात बताई। इसके बाद पिता ने सरोज का सुबह छह बजे तक इंतजार किया। जब वो नहीं आया तो उसके मोबाइल पर फोन किया। लेकिन, फोन नॉट रिचेबल था। तभी जुगसलाई थाना प्रभारी का फोन आ गया और वो थाने आ गए। यहां बेटे की लाश देखी।
मोबाइल खोलेगा राज
घटना स्थल से जुगसलाई पुलिस को मृतक सरोज का मोबाइल मिला है। मोबाइल जुगसलाई थाना प्रभारी ने अपने कब्जे में लिया था। सरोज के परिजनों का मानना है कि मोबाइल घटना का राज खोलेगा। उसे रात डेढ़ बजे किसने फोन कर बुलाया और क्यों बुलाया। उनके बीच क्या बात हुई और सरोज कहां गया। उसे पिगमेंट पार्क कौन ले गया। इसका खुलासा मोबाइल में हुई बातचीत से हो सकता है।
सीसीटीवी से पता चलेगा पार्क में कितने लोग आए
घटना आत्महत्या है या हत्या इसका खुलासा सीसीटीवी फुटेज से होगा। बागबेड़ा से टाटा पिगमेंट पार्क तक आने में रास्ते में छह-सात स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि इन कैमरों की फुटेज से ये पता चल जाएगा कि युवक सरोज और किशोरी सिमरन खुद टाटा पिगमेंट पार्क अकेले ही आए थे। या फिर उन्हें यहां तक कोई और लोग लेकर आए थे।
घटनास्थल से मिला है तीन खोखा
पुलिस को घटना स्थल से दो खोखा मिला था। एक खोखा घास में था। ये खोखा पार्क के केयरटेकर को बाद में मिला तो उन्होंने इसे पुलिस के हवाले कर दिया। केयरटेकर ने भी सुबह पार्क में सरोज और सिमरन की लाश देखी थी। केयरटेकर मानना है कि ये हत्या है। दोनों की किसी ने हत्या की है।
बो¨रग का काम करते हैं मृतक सरोज के पिता
घटना में मारे गए सरोज के पिता दीपेंद्र कुमार उपाध्याय बो¨रग का काम करते हैं। सरोज उनके पांच बच्चों में मझला था। वो कोऑपरेटिव कॉलेज का छात्र था और जॉब की तलाश में था। सरोज ने हाल ही में एयरफोर्स का फार्म भरा था और रिटेन टेस्ट निकाल लिया था। लेकिन, साक्षात्कार नहीं निकाल सका था।
दरोगा है मृतक का बड़ा भाई
मृतक सरोज उपाध्याय का बड़ा भाई मुकेश उपाध्याय दरोगा है। हाल ही में उसकी दरोगा के पद पर तैनाती हुई है। इन दिनों वो गोड्डा में तैनात है। घटना के बारे में सूचना मिलने के बाद बड़ा भाई जमशेदपुर आ गया है।
पहले लाल बिल्डिंग के पास रहती थी किशोरी
मृतका के पिता राकेश कुमार पहले बागबेड़ा में लाल बिल्डिंग के पास ही रहते थे। माना जा रहा है कि तभी सरोज और सिमरन में जान-पहचान हुई होगी। बाद में राकेश बड़ौदा घाट रिवर व्यू कॉलोनी में जाकर रहने लगे।