जमशेदपुर(ब्यूरो)। संत निरंकारी मंडल के तत्वावधान में शुक्रवार को गोपाल मैदान में विशाल संत निरंकारी समागम का आयोजन हुआ। हजारों की संख्या में संत निरंकारी मंडल से जुड़े पथिक इस समागम में शामिल हुए। मौक पर निरंकारी मंडल की सद्गुरु माता सुदीक्षाजी महाराज ने लोगों के बीच धन निरंकार का रहस्य बताया।
दिया शांति का संदेश
शांति के संदेश की महत्ता को समझाते हुए सत्गुरु माता ने कहा कि यह संदेश दूसरों को देने से पहले हमें स्वयं अपने जीवन में धारण करना होगा। चाहे कुछ भी हो जाए मन में बैर का भाव न रखें। सभी के प्रति सहनशीलता एवं नम्रता जैसे गुणों को अपनाते हुए प्रेरणा का स्रोत बनें। उन्होंने कहा कि जब तक हम इस परमात्मा की पहचान से अनभिज्ञ थे, तब तक हम सभी एक दूसरे से अलग अलग थे, किंतु ब्रह्मज्ञान से जब हमें यह बोध हुआ, तब हमारे हृदय में परोपकार के दिव्य गुणों का समावेश हो गया।
कई जिलों से लोग आए
इस समागम में जमशेदपुर के अलावा आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए। राज्य सरकार ने उन्हें राजकीय अतिथि घोषित किया है। सुबह से ही इस समागम को लेकर मैदान में भीड़ जुटने लगी थी। देर शाम तक हजारों की संख्या में लोग मौजदू रहे।
पेशावर में हुई थी स्थापना
संत निरंकारी मिशन की स्थापना पेशावर में 1929 में की गई थी। सतगुरु बाबा बूटा ङ्क्षसह ने भक्तों को निरंकार परमात्मा का साक्षात्कार कराया। उनके शिष्य भाई अवतार ङ्क्षसह ने इसमें पूर्ण योग दिया। बाबा बूटा ङ्क्षसह के निरंकार में लीन होने से पूर्व 1943 में भाई अवतार ङ्क्षसह मिशन के उत्तराधिकारी घोषित किए गए। विभाजन के बाद बाबा अवतार ङ्क्षसह पेशावर से दिल्ली आ गए। 1962 में उन्होंने इसकी बागडोर बाबा गुरुबचन ङ्क्षसह को सौंप दी। 1980 में बाबा गुरुबचन ङ्क्षसह ने बाबा हरदेव ङ्क्षसह को मिशन की बागडोर सौंपी। 13 मई 2016 में कनाडा में सतगुरु बाबा हरदेव के देह त्याग के बाद माता सङ्क्षवदर हरदेव जी ने मिशन की बागडोर संभाली। 2018 से सुदीक्षा जी गुरु पद पर आसीन होकर मिशन की गतिविधियों को आगे बढ़ा रही हैं।