WIPRO को बताया, क्यों समय से पहले इंप्लॉई छोड़ते हैं
कंट्री के टॉप प्राइवेट बी स्कूल एक्सएलआरआई में बड़े फेब्रिक ब्रांड के शोरूम को अट्रैक्टिव बनाने को लेकर ही सिर्फ रिसर्च नहीं होते। इंप्लॉई का कभी भी जॉब छोड़ देना या वीआरएस लेना। कॉरपोरेट सेक्टर के लिए एक चैलेंज की तरह सामने खड़े इस सिचुएशन से निपटने लिए भी एक्सएलआरआई में रिसर्च हो चुके हैं। इस तरह का रिसर्च वर्क हुआ है विप्रो जैसी बड़ी कपंनी के लिए। कंपनी स्पांसर्ड इस रिसर्च में एक्सएलआरआई ने कंपनी को बताया कि उन्हें किस तरह की पॉलिसी तैयार करनी चाहिए ताकि इंप्लॉई जल्दी ऑर्गेनाइजेशन न छोड़े। इसमें इंप्लॉई के लिए कई तरह के अट्रैक्टिव स्कीम के बारे में भी बताया गया।
पहले भी सोशल इशूज पर हो चुके हैं रिसर्च
एक्सएलआरआई में कंपनी स्पांसर्ड रिसर्च के अलावा सोशल इशूज पर भी रिसर्च होते रहे हैं। लास्ट इयर रैश ड्राइविंग और रोड सेफ्टी को लेकर रिसर्च किया गया था। इस रिसर्च में सिटी के यूथ के ड्राइविंग सेंस को को सेंटर में रखकर रिसर्च किया गया था। रैश ड्राइविंग और ट्रैफिक साइन के इफैक्टिव नहीं होने की वजह से लगातार बढ़ रहे एक्सीडेंट्स की संख्या पर भी काम किया गया था। रिसर्च के तीन पार्ट थे, सोशल, इंडिविजुअल और स्टिम्यलस। इसके लिए कैंपस में 16 से 25 साल तक के यूथ के लिए 1 किमी का टेस्ट ड्राइव कंडक्ट कराया गया था। एक्सएलआरआई की रिसर्च टीम का कहना है कि आने वाले समय में और भी कुछ सोशल इशूज पर रिसर्च स्टार्ट करने की तैयारी है।
शॉपिंग के लिए जा रहे बड़ी सिटीज, कैसे डेवलप करेगा अपना शहर
एक्सएलआरआई में एक और इंपॉर्टेंट रिसर्च वर्क स्टार्ट होने वाला है। इसमें सिटी के ओवरऑल डेवलपमेंट को लेकर रिसर्च होगा। शुरूआती रिसर्च में जो फाइंडिंग्स सामने आई हैं उससे पता चला है कि किसी बड़े ओकेजन पर सिटी के लोग शॉपिंग के लिए बड़ी सिटीज चले जाते हैं। शॉपिंग के लिए बाहर जाने वाले कस्टमर्स की संख्या टोटल का लगभग 40 परसेंट है। एक्सएलआरआई में मार्केटिंग के फैकल्टी मेंबर संजीव वाष्र्णेय कहते हैं कि किसी भी सिटी के डेवलपमेंट के लिए जरूरी होता है कि वहां का मार्केट इतना स्ट्रांग और अट्रैक्टिव हो कि कस्टमर शॉपिंग के लिए बाहर न जाएं और सिटी का पैसा सिटी में ही रहे। रिसर्च में जो बातें सामने आ रही हैं उससे पता चला है कि अप्लाइंसेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी शॉपिंग के लिए सिटी के लोग बाहर जा रहे। दूसरे सिटीज में सबसे ज्यादा लोग कोलकाता जाते हैं।
अगर सिटी का पैसा किसी दूसरी सिटीज में चला जाएगा तो स्वभाविक है कि अपनी सिटी के डेवलपमेंट की रफ्तार धीमी होगी। सिटी के करीब 40 परसेंट लोग खास ओकेजन की शॉपिंग के लिए बड़े शहरों में जाते हैं। इन्हें रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए यहां के मार्केट को लेकर रिसर्च होगा।
- संजीव वाष्र्णेय फैकल्टी, मार्केटिंग, एक्सएलआरआई
Report by : amit.choudhary@inext.co.in
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