जमशेदपुर (ब्यूरो) । आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा असम के गुवाहाटी प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए अपनी मांगों से अवगत कराया गया। इस दौरान सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि सेंगेल अभियान अर्थात सशक्तिकरण अभियान विगत 25 वर्षों से चालू है और झारखंड बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम के आदिवासियों के बीच सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण का प्रयास कर रहा है।

सरना कोड की मांग

वर्तमान पांच प्रमुख मांगों पर लगातार आंदोलनमूलक कार्यक्रमों को 5 प्रदेशों में जारी रखा गया है। पांच प्रमुख मांगों में भारत के आदिवासियों को सरना धर्म कोड के नाम पर धार्मिक मान्यता देने और जनगणना में शामिल करने, असम के झारखंडी आदिवासियों अर्थात संताल मुंडा हो भूमिज उरांव आदि को अविलंब एसटी का दर्जा देने, संताली भाषा को झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में अविलंब जनतंत्र और संविधान को लागू करने और बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर बने झारखंड प्रदेश को अबुआ दिसुम अबुआ राज के रूप में पुनस्र्थापित करना शामिल है।

हजारों लोगों होंगे शामिल

सालखन मुर्मू ने बताया कि कल 4 नवंबर को असम की राजधानी गुवाहाटी के पास सचल, दिसपुर में 5 प्रदेशों के लगभग 10 हजार प्रतिनिधि धरना प्रदर्शन और जनसभा में शामिल होंगे। इसके बाद 5 नवंबर को असम के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। अंत में सेंगेल के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सोहन हेम्ब्रम ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस दौरान सालखन मुर्मू, केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू, असम स्टेट कमेटी के वर्किंग प्रेसिडेंट सोहन हेंब्रम, असम उपाध्यक्ष बाजून टूडू और केंद्रीय संयोजक, सेंगेल युवा छात्र मोर्चा के तिलका मुर्मू मौजूद थे।