जमशेदपुरर : लॉकडाउन के कारण सिटी के शॉप ओनर्स काफी परेशान हैं। उनकी परेशानी की वजह है चूहों का आतंक। दुकानदारों को आशंका है कि चूहों के कारण दुकान का करीब 30 परसेंट सामान नष्ट हो चुका होगा। इससे उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
सामान न हो जाए खराब
लॉकडाउन में 43 दिन गुजर जाने से अनाज, फ्रूट्स, बिजली, कंप्यूटर, चमड़ा का सामान, कपड़े और फैंसी ड्रेस की दुकानों में सबसे अधिक नुकसान की आशंका हैं। व्यापारियों का मानना है कि इस नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है, क्योंकि इसका कोई बीमा नहीं है। व्यापारियों का कहना है कि इतने लंबे समय तक दुकानों के बंद रहने के कारण चूहे की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। मार्केट खुले रहने के दौरान चूहों को भगाने के लिए छोटा या बड़ा पिंजरा लगा दिया जाता था, जिसमें चूहे फंसते हैं और नुकसान नहीं होता है। बड़ी दुकानों में ही 5 से 7 बड़े चूहे फंस जाते हैं। दुकानदारों ने बताया कि रात आठ-नौ बजे के बाद दुकानें बंद होने और अंधेरा होने पर चूहे अपने बिलों से बाहर निकलते हैं। रात में उनकी रोकथाम के लिए पिंजड़े लगाकर दुकान बंद करते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
लाखों का हो सकता है घाटा
बिष्टुपुर में कंप्यूटर हार्डवेयर की दुकानों में चूहों से करीब 40 परसेंट सामानों के नुकसान होने की आशंका है। अचानक हुए लॉकडाउन के कारण कई सामान पैक नहीं हो पाया। चूहों का पेशाब भी कंप्यूटर को खराब कर देता है। वहीं, गर्मी में उमस के कारण भी कई लैपटॉप और अन्य सामान खराब हो गए होंगे। ऐसे में दुकानदारों को लाखों रुपए का घाटा झेलना पड़ेगा।
सबसे ज्यादा चमड़े पर अटैक
साकची, जुगसलाई आदि एरिया में 30 से अधिक चमड़े के सामानों की दुकाने हैं। यहां चमड़े के महंगे आइटम और फैंसी ड्रेस की दुकाने हैं। चूहों का सबसे ज्यादा अटैक इन्हीं सामानों पर होता है। ऐसे में इससे काफी नुकसान होने का अनुमान है।
लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद हैं। सामानों को पैक करके रखने का समय नहीं मिला। जिला प्रशासन को दुकानदारों को कुछ समय देना चाहिए, जिससे कि वे अपनी दुकानों में जाकर कम से कम साफ-सफाई कर सकें। चूहों के कारण सामान खराब होने की चिंता बनी हुई है।
-लिप्पू शर्मा, बिजनेसमैन
मेरी कंप्यूटर की दुकान बिष्टुपुर में है। दुकान खुले होने पर भी चूहों से हमेशा परेशान रहता था और जब से अचानक से लॉकडाउन हुआ है। इससे चूहे बहुत सारे सामानों को नुकसान पहुंचा चुके होंगे।
-गौरव खंडेलवाल, बिजनेसमैन
लॉकडाउन के 43 दिन हो गऐ हैं। अचानक कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण दुकान में जो सामान जहां था वहीं छोड़ना पड़ा। अब मुझे चूहों का डर सता रहा है। अनुमान ही लगा सकते हैं कि चूहों ने कितने का समान का नुकसान किया होगा।
-अनिल खंडेलवाल, बिजनेसमैन
हम लोगों को प्रशासन के तरफ से राहत की उम्मीद थी। जो दुकानें बंद हुई उनको खोलने का मौका नहीं मिला। प्रशासन के लोगों को चैंबर की ओर से लेटर लिखा गया है। हम लगातर प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि दुकानों को समय से खोल सकें, जिससे सामान को व्यवस्थित किया जा सके।
-अशोक भालोटिया, अध्यक्ष, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स, जमशेदपुर