छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र । शहर में लंबे समय से चल रही दुर्गापूजा की तैयारियों को रविवार को विराम मिल गया। शहर में तीन सौ से ज्यादा पंडालों में देवी मूर्ति की स्थापना के साथ ही जय माता दी के जयकारे गूंजने लगे। इससे पहले शनिवार को कई पंडालों के आयोजकों ने विधिवत पंडालों का उदघाटन किया। बताते चले कि पूजा के लिए शहर में दो महीने से पंडाल बनाने काम का तेजी से चल रहा था। शहर में एक सप्ताह से पंडालों के निर्माण के साथ ही डेकोरेशन और लाइटिंग का काम किया जा रहा था।
भक्त करेंगे दर्शन
शहर में इस बार भक्त वर्ल्ड के प्रसिद्ध मंदिरों और इमारतों के साथ ही भारतीय मंदिर और इमारतों को पंडाल के माध्यम से देख पाएंगे। शहर साकची में दुबई का बुर्ज खलीफा, हुलुदबनी में लाल किला, कदमा में बोध गया मंदिर, बारीडीह में हैरीपाटर हाउस, सिदगोड़ा में नाव पर मंदिर, टुइलाडुंगरी में स्वप्न लोक, काशीडीह में परीलोक, भुइयाडीह में केदारनाथ, आदित्यपुर में अफ्रीकी जंगल पर आधारित बने पंडाल देखेंगे।
रात में जागेंगे, दिन में सोएंगे भक्त
शहर में पंडालों में देवी स्थापना होने के बाद भक्त दशमी तक शहर में बने पांच सौ पंडालों के दर्शन करेंगे। आयोजकों ने बताया कि पंडालों की स्थापना के साथ ही विसर्जन तक सभी पंडालों में जयकारों की धूम रहेगी। शहर में पंडालों में होने वाली सजावट रात की रोशनी में देखते ही बनती है। दूधिया रोशनी के साथ रंग बिरंगी लाइटों में नहाये पंडाल देखते ही बनते है।