जमशेदपुर (ब्यूरो): शिविर के पहले दिन मुख्य प्रशिक्षक आचार्य शिवानंद दानी ने सेमिनार के विषय &विकेंद्रित अर्थव्यवस्था एकमात्र समाधान&य पर वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में दो ही आर्थिक व्यवस्था को अपनाया है, जो केंद्रित अर्थव्यवस्था है। एक व्यक्ति विशेष के पक्ष में और दूसरा पार्टी विशेष के हाथ में सीमित है। यह व्यवस्था मुनाफा पर आधारित है, जिसमें उपभोग मुनाफा के लिए एवं उत्पादन भी मुनाफा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपना घर छोडक़र दूर दराज के इलाकों में शहरों में स्थित उद्योग में काम करने जाना पड़ता है। उसे दो जगह की व्यवस्था संभालनी पड़ती और वे घर के उत्तरदायित्व की अनदेखी कर कमाते हैं।
विकेंद्रित अर्थव्यवस्था
पूंजीपति स्थानीय संसाधन को संचालित एवं नियंत्रित करते हैं। इन सब से मुक्ति के लिए एकमात्र विकेंद्रित अर्थव्यवस्था को अपनाना होगा जो प्रउत्त (प्रगतिशील उपयोगी तत्व) के प्रणेता प्रभात रंजन सरकार द्वारा दिया गया सिद्धांत है। इसमें यह कहा गया है कि एक सामाजिक आर्थिक इकाई के अंदर के सभी प्रकार के संसाधन स्थानीय लोगों द्वारा गठित इकाई द्वारा ही संचालित हो, उत्पादन हमेशा उपभोग के खपत के आधार पर होना चाहिए न की मुनाफे के आधार पर। इस प्रकार से अनेक उदाहरणों प्रस्तुत करते हुए कहा कि समाज में विकेंद्रित अर्थव्यवस्था को लाना होगा तभी समाज को शोषण विहीन बनाया जा सकता है।
मानसिंह सर्वसम्मति से बने प्रधान
बिरसानगर गुरुद्वारा में शुक्रवार को गुरु दसमेश पिता सेवादल का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान सरदार मानसिंह को सर्वसम्मति से प्रधान चुना गया। अगले सप्ताह तक पूरी कमेटी का विस्तर कर लिया जाएगा। इस दल को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य समाज में गरीब ब'चों की पढ़ाई, बीमारी और बेटियों की शादी में जरुरतमंद परिवार की मदद करना है।