JAMSHEDPUR: टाटा मोटर्स में उत्पादन बढ़ गया है। ऐसे में काम से बैठाए गए करीब 2000अस्थायी कर्मियों की वापसी सोमवार से हो गई है। इसमें 55 साल से ज्यादा उम्र वालों के साथ बीते माह बैठाए गए बाई सिक्स कर्मचारी भी शामिल हैं। चालू माह में 7000 वाहन बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहले जहां एक दिन में 50 वाहन बनते थे वहीं अब एक दिन में 150 से ज्यादा वाहन बनाए जा रहे हैं।

कम हो रहा था उत्पादन

लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित कंपनी के अस्थायी कर्मी हुए हैं। कोरोना की वजह से कंपनी में बहुत कम उत्पादन हो रहा था। ऐसे में सिर्फ स्थायी कर्मियों को ही ड्यूटी मिलती थी। 55 साल से ज्यादा उम्र वाले अस्थायी व स्थायी करीब 300 कर्मचारी को काम से बैठाया गया था। इन सभी कर्मचारियों की वापसी हो गई है। सभी पूर्व की तरह अपने-अपने डिवीजन में काम करने लगे हैं। वहीं अस्थायी कर्मियों की वापसी भी धीरे-धीरे होने लगी है। बहुत कम अस्थायी कर्मी हैं, जो काम पर नहीं लौटे हैं वे अगले माह से काम करने लगेंगे।

अब बी शिफ्ट में भी काम

कोरोना को लेकर कंपनी में बी व सी शिफ्ट में काम बंद हो गया था। सिर्फ ए पाली में ही काम हो रहा था। लेकिन अब बी पाली में सभी जगह काम हो रहा है। वहीं रात्रि पाली में भी धीरे-धीरे काम शुरू है। कंपनी के सीटीआर, हीट ट्रीटमेंट आदि विभागों में काम शुरू है। बहुत जल्द सभी जगह रात्रि पाली में भी काम होने लगेगा।

एक लाख लोगों को दी ट्रेनिंग

टाटा मोटर्स ने पिछले एक वर्ष में एक लाख लोगों को प्रशिक्षित किया। जबकि इनमें मैकेनिक मोटर व्हीकल ट्रे¨नग देकर 500 को रोजगार दिलाने की एक शानदार पहल किया है। टाटा मोटर्स ने इस कार्यक्रम के बारे में कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में प्रशिक्षित कर्मचारियों की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए टाटा मोटर्स जमशेदपुर में अपने कौशल विकास और उद्यमिता कार्यक्रम के तहत कौशल्या शीर्षक से मैकेनिक मोटर व्हीकल ट्रे¨नग (एमएमवी) का आयोजन कर रही है। क्षेत्रीय डीलर प्रशिक्षण केंद्र के सहयोग से टाटा मोटर्स युवाओं और सीमांत समुदायों के लिए ऑटोमोटिव कौशल-आधारित ज्ञान और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है। तीन महीने में फैले एमएमवी छात्रों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में सैद्धांतिक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है और आगे कंपनी के डीलरों और टाटा अधिकृत सर्विस स्टेशनों (टीएएसएस) के साथ छह महीने के लिए ऑन-द-जॉब-प्रशिक्षण अनुभव के लिए डीलरों के साथ रखा जाता है। टाटा मोटर्स ने 2013 में कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से 500 से अधिक युवाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित कर रोजगार मुहैया कराया है।