-बारिश के बाद अगले ही पल निकल रही है घूप, तापमान में हो रहा है उतार-चढ़ाव
-हॉस्पिटल्स में बढ़ रहे हैं वायरल इंफेक्शन, डायरिया समेत अन्य बीमारियों के पेशेंट्स
द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल कभी तेज धूप तो कभी झमाझम बारिश, सिटी में मौसम का मिजाज इन दिनों कुछ ऐसा ही है। एक दिन में मौसम के कई रूप देखने को मिल रहे हैं। मौसम का हाल कुछ इस तरह का है कि पता ही नहीं चलता कब धूप होगी और कब बरसात। ये पल-पल बदलता मौसम कई तरह की बीमारियों की वजह बन रहा है। सिटी के हॉस्पिटल्स में रोज बड़ी संख्या में मौसम की आंखमिचौली के शिकार पेशेंट पहुंच रहे हैं।
मुश्किल है मौसम का मिजाज समझना
घर से निकले तो बाहर तेज धूप, ऐसे में बारिश से बचने के लिए ना रेनकोट लिया और ना ही छाता, पर घर से निकलने के कुछ ही देर बाद तेज बारिश होने लगी। वहीं कई लोग बारिश की तैयारी कर घर से निकलते हैं, लेकिन बाहर तेज धूप का सामना करना पड़ता है। पिछले कई दिनों से सिटी में मौसम का कुछ यही मिजाज है। थर्सडे को भी कुछ ऐसा ही मौसम रहा। मौसम की ये आंखमिचौली कुछ ऐसी हो गई है की लोगों के लिए यह तय करना मुश्किल है कि कब बारिश होगी और कब धूप। मौसम में पल-पल आता ये बदलाव लोगों को भीगने या धूप में जलने के लिए तो मजबूर कर ही रहा है, साथ ही कई बीमारियों की वजह भी बन रहा है।
बढ़ रहा है वायरल इंफेक्शन
दोपहर 12 बजे तक एमजीएम हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के ओपीडी में करीब 150 पेशेंट्स आ चुके थे और काफी संख्या में पेशेंट्स लाइन में लगे डॉक्टर्स से मिलने का इंतजार कर रहे थे। ये नजारा इन आम हो गया है। मौसम में आ रहे चेंजेज की वजह से कई बीमारियां हो रही हैं। फिजिशियन डॉ निर्मल कुमार ने बताया कि इन दिनों वायरल इंफेक्शन के मामले काफी बढ़ गए हैं। सर्दी, खांसी, बदन दर्द के काफी मामले आ रहे हैं। आईएमए झारखंड ब्रांच के ज्वाइंट सेक्रेटरी और फिजिशियन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में गैस्ट्रोइंट्राइटिस, डायरिया, जांडिस, मलेरिया, टाइफायड के मामले काफी बढ़ गए हैं।
परेशानी बढ़ा रहीं क्रॉनिक बीमारियां
जो लोग पहले से ही किसी क्रॉनिक डिजीज से ग्रस्त हैं उनके लिए ये बदलता मौसम और भी कई परेशानियां खड़ी कर रहा है। फिजिशियन्स के मुताबिक ऐसे मौसम में अस्थमा के पेशेंट्स की परेशानी काफी बढ़ जाती है। इस दौरान अस्थमा के अटैक के चांसेज भी बढ़ जाते हैं। ऑर्थोपेडिक्स डॉ जीएस बड़ाइक ने कहा कि जिन लोगों को आर्थराइटिस, ज्वाइंट पेन की समस्या है उन्हें ऐसे मौसम में ज्यादा परेशानी होती है। गाइनेकोलॉजिस्ट के मुताबिक जिन लोगों को साइनोसाइटिस की प्रॉब्लम है उन्हें भी ऐसे में परेशानी होती है। वहीं महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) के मामले भी काफी आ रहे हैं। गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ विनीता सहाय ने बताया कि उनके पास यूटीआई के काफी पेशेंट आ रहे हैं। इस बीमारी में तेज सिरदर्द, कंपकंपी के साथ बुखार, कमर से पैर तक दर्द, यूरीन फ्रिक्वेंसी का बढ़ना जैसी परेशानियां होती हैं।
जरूरी है सावधानी
इस मौसम में बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। डॉक्टर्स की सलाह है कि बारिश में भीगने से बचना जरूरी है और भीग जाने पर फौरन बदन को सुखाना जरूरी है। साथ ही खाने-पीने की चीजों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। डॉ अशोक कुमार ने कहा कि ऐसे मौसम में हमेशा फ्रेश और गर्म खाना चाहिए। साथ ही पानी की स्वच्छता का भी खास ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मच्छरों की वजह से होने वाली बीमारियों से बचाव बेहद जरूरी है।
ऐसे मौसम में वायरल इंफेक्शन के काफी चांसेज रहते हैं। सर्दी, खांसी, बुखार के काफी मामले आ रहे हैं। जिन लोगों को अस्थमा है, उन्हें भी काफी परेशानी होती है। ऐसे मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
-डॉ निर्मल कुमार, फिजिशियन
इस मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार के मामले काफी बढ़ जाते हैं। इसके अलावा डायरिया, वोमेटिंग के भी काफी मामले आ रहे हैं। शरीर का टेंपरेचर मेंटेन नहीं रहने की वजह से कई बीमारियां होती हैं।
-डॉ बलराम झा, फिजिशियन
पिछले कुछ दिनों में वायरल इंफेक्शन, गैस्ट्रोइंट्राइटिस, डायरिया, सर्दी-खांसी के पेशेंट्स काफी बड़ गए हैं। इसके अलावा टाइफाइड, मलेरिया के केसेज भी आ रहे हैं। बीमारियों से बचने के लिए फ्रेश और गर्म खाना, स्वच्छ पानी जरूरी है।
-डॉ अशोक कुमार, फिजिशियन
महिलाओं में यूटीआई के काफी मामले आ रहे हैं। जिन लोगों को साइनोसाइटिस की प्रॉब्लम है उनकी परेशानी ऐसे मौसम में बढ़ जाती है।
-डॉ विनीता सहाय, गाइनेकोलॉजिस्ट
ऐसे मौसम में ऑर्थराइटिस, ज्वाइंट्स पेन के पेशेंट्स की परेशानी बढ़ जाती है। बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। बरसात में भीगने से बचना चाहिए।
-डॉ जीएस बड़ाइक, ऑर्थोपेडिक्स