छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: मंगलवार रात एक बजे महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब मेडिकल वार्ड के चौथे तल्ले से मरीज संजय मछुआ ने छलांग लगा दी। इससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। टीबी से ग्रसित संजय मछुआ का हॉस्पिटल के बेड नंबर 78 में इलाज चल रहा था। वह मानगो थाना क्षेत्र के दाईगुट्टू स्थित दीपासाई का रहनेवाला था। उसके साथ अटेंडर के रूप में उसकी पत्नी पिंकी मछुआ भी मौजूद थी। मंगलवार की रात संजय शौचालय जाने की बात कहते हुए तेज गति से बालकोनी की ओर गया और छलांग लगा दी। नीचे गिरने की आवाज सुनकर अस्पताल के सारे मरीज जग गए और उसे उठाकर इमरजेंसी विभाग में ले गए। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संजय मछुआ के सिर व पूरे शरीर में गंभीर चोट आई थी।
थी टीबी की बीमारी
बीते तीन साल से संजय को टीबी की बीमारी थी। इसे लेकर वह काफी परेशान रहता था। संजय की पत्नी ने बताया कि वह अक्सर कहता था कि उसकी बीमारी ठीक नहीं होगी, इसलिए वह आत्महत्या कर लेगा। संजय की स्थिति लगातार बिगड़ते गई। दवा छोड़-छोड़ कर खाने की वजह से वह मल्टी ड्रग्स रेसिसटेंट (एमडीआर) टीबी से भी ग्रस्त हो गया था। 19 दिसबंर को एमडीआर की पुष्टि होने के बाद संजय को एमजीएम में भर्ती कर दिया गया। इस दौरान जांच में पाया गया कि उसका लीवर भी काफी कमजोर हो गया है। इसे देखते हुए एमडीआर की दवा तत्काल शुरू नहीं की गई। 21 जनवरी से एमडीआर की दवा शुरू की गई। संजय को सांस फूलने की बीमारी भी थी, इसलिए उसे ऑक्सीजन पर रखा गया था।
पत्नी की भी हुई है सर्जरी
मृतक की पत्नी पिंकी मछुआ भी एमजीएम के सर्जरी वार्ड में भर्ती है। पिंकी के ब्रेस्ट में ट्यूमर था। बीते शुक्रवार को उसका सर्जरी हुई है। वह समय-समय पर पति संजय मछुआ को भी देखने जाती थी। मंगलवार की रात भी वह पति को देखने पहुंची थी। पति की मौत से दुखी पिंकी अस्पताल से बिना बताए ही घर लौट गई। सुबह में दवा देने के लिए नर्स इंतजार करती रही, लेकिन पिंकी अपने बेड पर नहीं थी।
नहीं मिल रही थी प्रोत्साहन राशि
मृतक के परिजन ने बताया कि जिला टीबी विभाग की ओर से संजय को पूर्व में प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपये मिलते थे। फिलहाल कुछ माह से रुपये मिलाना बंद हो गया था। इसके कारण भी वह परेशान रहता था। तीन माह से उसे प्रोत्साहन राशि नहीं मिली थी।