जमशेदपुर (ब्यूरो): सरायकेला-खरसावां जिले में अवैध रूप से पोस्ता की खेती की जा रही है। इसे लेकर जिला पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन यह अवैध कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पोस्ता की अवैध खेती का मामला सामने आने के बाद पुलिस अब जन प्रतिनिधियों पर भी नकेल कसने की तैयारी में है।
नक्सली कर रहे सहयोग
पोस्ता की अवैध खेती में नक्सलियों की मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है। पुलिस के मुताबिक नक्सली गांव वालों को इसके खेती में सहयोग करते हैं। इतना ही नहीं उन्हें बीज और पैसा भी उपलब्ध कराते हैं, ताकि बड़े पैमाने पर इसकी खेती हो सके।
जनप्रतिनिधियों के खिलाफ होगा एक्शन
पुलिस के मुताबिक इस पूरे खेल में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के भी मिलीभगत की बात सामने आ रही है। बताते हैं कि क्षेत्र के सरकारी प्रतिनिधि जैसे मुखिया, ग्राम पंचायत समिति सदस्य, ग्राम प्रधान, मानकी-मुंडा, आंगनबाड़ी सेविका, सहिया की संलिप्तता है। पुलिस के मुताबिक इन जन प्रतिनिधियों को अवैध पोस्ता की खेती करने वालों के बारे में पुलिस और प्रशासन को सूचना देनी होती है। ऐसा नहीं करने पर खेती करने वालों के साथ ही जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही गई। सरायकेला पुलिस का कहना है सभी जनप्रतिनिधियों और खेती करने वाले सो अवैध पोस्ता की खेती को खुद ही नष्ट करने की अपील की गई है। अगर ऐसा नहीं होता है तो खेती करने वालों चिन्हित करते हुए जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
20 एकड़ में लगी पोस्ता की खेती नष्ट
बताते हैं कि सरायकेला-खरसावां पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी कि कुचाई थानान्तर्गत रुगुडीह पंचायत में सोना नदी के दोनों किनारे सियाडीह, तरंबा और रामडीह आदि गांवों के रैयती एवं जंगली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पोस्ता की खेती की गई है। सूचना के बाद बुधवार को सरायकेला एसडीपीओ हरविन्द्र सिंह और एएसपी अभियान पुरुषोत्तम कुमार के नेतृत्व में गठित टीम मौके पर पहुंची और 20 एकड़ में फैले अवैध पोस्ता की खेती नष्ट की। पुलिस द्वारा खेती करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। टीम में सीआरपीएफ 157 एफ के सहायक समादेष्टा प्रदीप कुमार सहित अन्य शामिल थे।
नक्सली गांव वालों को खेती के लिए पैसे और बीज की मदद उपलब्ध करा रहे हैं। इस तरह एक नया गिरोह तैयार हो रहा है। लोगों से अपील है कि वे इस तरह का अवैध काम न करें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए बागवानी करें।
-पुरुषोत्तम कुमार, एएसपी अभियान, सरायकेला-खरसावां