JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट की ओर से यूजी सेकेंड सेमेस्टर एवं पांचवें सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम गुरुवार को जारी कर दिया गया। कोविड-19 के निर्णय के आलोक में सेमेस्टर के छात्रों को उत्तीर्ण करना था, लेकिन इन छात्रों के साथ ऐसा नहीं है। इसमें मात्र 10 प्रतिशत छात्रों को उत्तीर्ण दिखाया गया है, जबकि 90 प्रतिशत छात्रों को प्रमोट किया गया है। यानि इन छात्रों को सेकेंड सेमेस्टर एवं पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा फिर से देनी होगी। इसको लेकर छात्र संगठनों में रोष देखा जा रहा है। दरअसल बार-बार आग्रह के बावजूद कई कॉलेजों ने इंटरनल व प्रैक्टिकल का मार्क्स केयू के एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट को नहीं भेजा गया। एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ। पीके पाणि ने कॉलेज के ¨प्रसिपलों को तीन बार विभिन्न माध्यमों से सूचित किया, बावजूद इसके किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस कारण जारी परीक्षा परिणाम में मात्र दस प्रतिशत छात्र को उत्तीर्ण दिखाया गया है।
एबीवीपी ने की आलोचना
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से ¨प्रसिपलों व विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस कार्य की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ेगा। वैसे भी छात्र कोविड-19 के कारण तनाव में है। ऐसे में विश्वविद्यालय का यह कृत्य छात्रों में तनाव को और बढ़ाएगा। परिषद के प्रदेश मंत्री बापन घोष व जमशेदपुर महानगर सोशल मीडिया प्रमुख सागर ओझा ने बताया कि वीसी स्वयं इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करें और दोषी ¨प्रसिपलों को शोकॉज जारी करते हुए कम से कम 15 दिन का वेतन काट दिया जाए। साथ ही फिर से इन सेमेस्टरों का रिजल्ट पब्लिश करने का निर्देश दिया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है परिषद के कार्यकर्ता इस कोरोना काल में भी आंदोलन को बाध्य होंगे।
भर सकते हैं यूजी छठे सेमेस्टर का फार्म
केयू के एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ पीके पाणि ने गुरुवार को कहा कि प्रमोट होने के बावजूद पांचवें सेमेस्टर के छात्र छठे सेमेस्टर की परीक्षा का फार्म भर सकते हैं। इससे संबंधित सूचना सार्वजनिक तो की गई है, लेकिन पांचवें सेमेस्टर के छात्रों को प्रमोट माना जायेगा या पास इसका कोई उल्लेख विश्वविद्यालय द्वारा सूचना में नहीं है। इस कारण उहापोह की स्थिति बनी हुई है।