जमशेदपुर (ब्यूरो) । गम्हरिया मार्केट की दुकानों का वर्ष 2020 से रिन्यूअल नहीं हुआ है। इस कारण बाजार में मनमानी वाली स्थिति कायम हो गई है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी आम लोगों को हो रही है तो विभाग को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। गम्हरिया मार्केट में करीब 164 दुकानें हैं। इनमें शटर वाली दुकानों को अंचल कार्यालय द्वारा आवंटित किया गया है। इसका किराया बहुत ही नोमिनल है। दुकानदारों के मुताबिक मासिक 94 रुपए से लेकर 195 रुपए तक लिया जाता है।
2019 से रिन्यूअल नहीं
दुकानों का यह आवंटन 20 वर्षों के लिए किया गया था। इसकी मियाद वर्ष 2019 में ही पूरी हो चुकी है, लेकिन अबतक दुकानों का रिन्यूअल नहीं हो सका है। रिन्यूअल न होने के कारण विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है, लेकिन इस ओर देखने वाला भी कोई नहीं है।
सबसे अहम बात यह है कि ज्यादातर दुकानदारों ने दुकानें अपने नाम से लेने के बाद किराए पर दे दिया है। वे विभाग को किराए के तौर पर 100 से 200 रुपए तक देते हैं और दूसरों को किराए पर देकर उनसे 3500 से 4000 रुपए तक किराया लेते हैं। इस कारण मार्केट में अराजक स्थिति कायम हो गई है।
नहीं कर रहे हैंडओवर
यहां की दुकानें अभी सीओ कार्यालय के तहत है और इसे आदित्यपुर नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया गया है। इसे लेकर नगर निगम द्वारा कई बार उपायुक्त से पत्राचार भी किया गया है, लेकिन दुकानें नगर निगम को हस्तांतरित नहीं की जा सकी हैं। निगम का कहना है कि उनके द्वारा वहां साफ-सफाई कराई जा रही है औ्र अगर दुकानें उन्हेें हस्तांतरित कर दी जाती है तो व्यवस्था और दुरुस्त की जा सकेगी।
इतना ही नहीं बाजार में 164 दुकानें आवंटित थीं, लेकिन उनकी संख्या बढ़कर अब 200 से ज्यादा हो गई हैं। ठेकेदार द्वारा उन दुकानों से भी रसीद काटकर पैसे लिए जाते हैं।
जाम के कारण लगती हैं दुकानें
बाजार के दुकानदारों ने दुकान का सामान बाहर रखकर रोड को जाम कर दिया है। बाजार में जगह नहीं मिलने के कारण सब्जी विक्रेता बाहर रोड पर दुकानें लगाते हैं, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। दुकानदार यह मानकर चल रहे हैं कि ये दुकानें अब उनकी है और वे मनमानी कर रहे हैं।
इन दुकानों के नवीनीकरण को लेकर जिला प्रशासन की एक बैठक भी पूर्व में हो चुकी है और जल्द ही नवीकरण को लेकर आगे की प्रक्रिया भी शुरू होगी। कहा जा रहा है कि जिन दुकानदारों ने किराए पर दुकानें लगा रखी हैं, उनका आवंटन रद्द भी किया जा सकता है।
हमने कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिखा है, लेकिन गम्हरिया बाजार की दुकानें नगर निगम को नहीं दी जा रही हैं। जहां तक नवीकरण आदि की बात है तो इसके बारे में सीओ और डीसी ही बेहतर बता सकते हैं।
अमित सिंह, डिप्टी मेयर, नगर निगम
मेरे आने के पहले से ही बाजार लीज पर था और इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है कि कब लीज हुआ था और कब तक है। इसके बारे में मैं दो-तीन दिन बाद ही बता सकूंगा।
मनोज कुमार, सीओ, गम्हरिया
लाल बिल्डिंग चौक से पाइपलाइन के लिए रोड काटा गया था, भरा नहीं गया, जिससे दुर्घटना हो रही है। सुबह काफी भीड़ होती है। सुबह 6 बजे से ही प्रशासन भीड़ को रोके तो भीड़ से निजात मिलेगी।
सुमन शर्मा