जमशेदपुर (्ब्यूरो): शहर की आबादी जिस तरह बढ़ रही है, उसके मुकाबले यहां ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा नगण्य है। एक समय था जब शहर में बसों का जलवा था। हर रूट में सिटी बसों का परिचालन होता था, लेकिन आज स्थिति यह है कि आबादी बढ़ती जा रही है और ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं घटती जा रही हैं। सिटी में बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा न होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

बढ़ रहा लोड

संपन्न लोगों को कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है, क्योंकि उनके पास फोर व्हीलर मौजूद हैं। महिलाएं भी स्कूटी व दूसरे टू व्हीलर की सुविधाएं हैं और यह कॉमन है, लेकिन निजी वाहनों के पार्किंग की सुविधा सिटी में बेहतर नहीं है या यूं कहें व्यवस्थित नहीं है, जिससे आवागमन में भी परेशानी होती है।

गिने-चुने रूट पर ही

पहले ज्यादातर लोग खासकर महिलाएं बसों को प्रेफर करती थीं। इसका कारण यह है कि बसों का किराया कम था और सेफ्टी के लिहाज से भी बस की यात्रा सही होती थी, लेकिन अब बसों की संख्या नगण्य रह गई हैं। कुछ गिने-चुने रूट पर ही बसों का परिचालन हो रहा है और यही कारण है कि आवागमन में लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

कोरोना से पहले 120 बसें

कोरोना काल से पहले सिटी में करीब 120 बसों का परिचालन होता था। लोगों ने बैंक से लोन लेकर बस लिए थे, लेकिन कोरोना काल में बसों का परिचालन बंद हो जाने से ओनर्स को मुश्किल होने लगी। लोन चुकाना भी भारी हो गया। बाद में लोन न चुका पाने के कारण कई बसों को बैंक ने वापस ले लिया, तो कई पड़े-पड़े जर्जर हो गईं।

सिटी में चल रहीं 50-60 बसें

फिलहाल सिटी में बमुश्किल 50 से 60 बसों का ही परिचालन हो रहा है, यानी बसों की संख्या आधी हो गई हैं। वर्तमान में बसों की कंडीशन ठीक है, लेकिन संख्या कम होने के कारण यात्रियों का झुकाव मिनी बसों की ओर कम ही हो रहा है। ज्यादातर लोग ऑटो प्रेफर करने लगे हैं।

बस स्टॉप को बनयाा ऑटो स्टैंड

पहले सिटी बसों के लिए शहर के विभिन्न रूट में रोड के किनारे स्टॉपेज यानी यात्री शेड बनाए गए थे, लेकिन बसों की संख्या कम होने और कई रूट पर बसों का परिचालन न होने के कारण इन यात्री शेड के पास ऑटो चालकों ने कब्जा जमा लिया है। उन्होंने वहां अपना स्टैंड बना लिया है। यानी जितने स्टॉपेज उतने ऑटो स्टैंड।

100 सिटी बसों के परिचालन की योजना

वर्तमान में जेएनएसी द्वारा 100 सिटी बसों का परिचालन करने की योजना है। इसे देखते हुए शिक्षित बेरोजगार मिनी बस एसोसिएशन ने स्पेशल ऑफिसर को एक ज्ञापन देकर बसों के परिचालन का जिम्मा एसोसिएशन को देने की मांग की गई है। उनका कहना है कि पूर्व में जेएनएनयूआर के तहत बसों का परिचालन शुरू हुआ था, लेकिन आज वे बसें सड़ रही हैं। इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है।

इन रूट पर चल रहीं ज्यादा बसें

-साकची से सुंदरनगर और साकची से कांड्रा

-साकची से राहरगोड़ा - 4 बस

ये बस रूट हैं बंद

साकची से आदित्यपुर कॉलोनी

साकची से टेल्को खड़ंगाझाड़

साकची से कदमा

साकची से सोनारी

साकची से आजाद बस्ती