-- कैमरे की नहीं होती है प्रॉपर मॉनिटरिंग
-लड़ाई-झगड़े होने के बाद भी नहीं पहुंचती है पुलिस
-ट्रैफिक सुधार में नहीं मिला कोई फायदा
-चौक चौराहों पर हो रहा है ट्रैफिक रूल्स का वायोलेशन
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JAMSHEDPUR : सिटी के महत्वपूर्ण जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे हाथी के दांत साबित हो रहे हैं। इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से कितने कैमरे काम कर रहे हैं और कितने नहीं इसका अंदाजा पुलिस को भी नहीं है। ऐसे में रोड एक्सीडेंट, ट्रैफिक कंट्रोल समेत दूसरी इल्लीगल एक्टिविटीज पर रोक लगाने के लिए लगाए गए इन सीसीटीवी कैमरों पर कैसे भरोसा किया जाए। फिलहाल सिटी में ब्ब् जगहों पर सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं और आने वाले दिनों में अन्य प्लेसेज पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। लाख टके का सवाल यह है कि जितने कैमरे अभी लगे हैं, उनकी ही मॉनिटरिंग नहीं हो रही है तो फिर नई जगहों पर लगाए जाने वाले कैमरों से क्या फायदा होगा?
केस वन
संडे को युवक ने की बदसलूकी
संडे को जुबिली पार्क गेट के पास ही एक नैनो सवार युवक ने मारुति सवार के साथ काफी देर तक बदसलूकी की। उसका हाथ मरोड़ा और कार से बाहर निकाल कर उसकी पिटाई भी कर डाली। जिस जगह यह घटना हुई, वहां सीसीटीवी कैमरा लगा है। डीसी और एसएसपी ऑफिस से महज कुछ कदम दूर यह घटना हुई, इसके बावजूद पुलिस नहीं पुहंची।
केस टू
रोड पर ही खड़े रहते हैं ऑटो
सिटी के चौक-चौराहों पर अक्सर मारपीट और रोड एक्सीडेंट की घटनाएं होती हैं। ट्रैफिक का वायोलेशन तो कॉमन है, लेकिन मामले में पुलिस कभी-कभार ही कार्रवाई करती है। साकची गोलचक्कर पर ऑटो ड्राइवर्स पूरी सड़क घेर कर खड़े रहते हैं। इस वजह से लोगों को आने-जाने में प्रॉब्लम होती है। इस चौराहे पर सीसीटीवी कैमरा लगा है, लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होती।
केस थ्री
हुई थी छिनतई
कुछ महीने पहले साकची गोलचक्कर के पास बारीडीह की ओर जाने वाली सड़क पर एक बाइक सवार से लाखों रुपए की छिनतई कर ली गई थी। गोलचक्कर पर सीसीटीवी कैमरा भी लगा है, लेकिन इस कैमरे का कोई फायदा पुलिस को नहीं हुआ। साकची गोलचक्कर पर ट्रैफिक पुलिस का ऑफिस है और वहां भी दो कैमरे लगे हैं, जिनका कंट्रोल उसी ऑफिस में है, लेकिन ऑफिस बंद रहने व कैमरे की मॉनिटरिंग के लिए कोई मौजूद नहीं होने की वजह से कैमरा लगाने का कोई फायदा नहीं हो रहा है।
हर महीने ख्भ्00 व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन
सिटी के ट्रैफिक मैनेजमेंट में ऑटो एक बड़ी प्रॉब्लम है। यहां हर महीने लगभग ख्भ्00 व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन होता है, जिनमें 70 ऑटो होते हैं। फिलहाल सिटी में क्ख् हजार से ज्यादा ऑटो हैं, लेकिन रोड व दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर पहले जैसे ही हैं।
छह महीने में क्0 लाख का वसूला फाइन
सिटी में पिछले छह महीने में ट्रैफिक पुलिस ने अभियान चलाकर करीब तीन हजार लोगों से फाइन वसूला। विभाग को इससे क्0 लाख रुपए का रेवेन्यू हासिल हुआ। उधर, सिटी में ट्रैफिक पुलिस की संख्या सिर्फ क्09 है, जबकि जरूरत है फ्8भ् की। यहां 70 ट्रैफिक पोस्ट की जरूरत है, जबकि केवल फ्0 ही फंक्शनल हैं।
सिटी में ब्ब् जगहों पर
सिटी में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने और क्राइम कंट्रोल के लिहाज से ब्ब् प्लेसेज पर सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। हालांकि, इनकी प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से कौन सा कैमरा खराब है और कौन रनिंग कंडीशन में है इसका पता नहीं चलता है। बिष्टुपुर पोस्ट ऑफिस के पास भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा इसी महीने कदमा में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसकी भी तैयारी चल रही है।
यहां लगे हैं सीसीटीवी कैमरे
साकची गोलचक्कर, मानगो बस स्टैंड, एमजीएम हॉस्पिटल, साकची शीतला मंदिर, सेल्स टैक्स बिल्डिंग, जुबिली पार्क गेट, बंगाल क्लब के पास गोलचक्कर, संजय मार्केट, झंडा चौक, श्रीलेदर्स चौक, मिनी बस स्टैंड, बसंत टाकीज, एडीएल सनशाइन स्कूल के पास, सागर होटल गोलचक्कर, बिष्टुपुर में आदित्यपुर मोड़ के पास, वोल्टास बिल्डिंग, छगनलाल चौक के पास स्थित ऑटो स्टैंड सहित अन्य प्लेसेज पर।
ख्0क्ख् में हुआ था डिसीजन
पब्लिक प्लेसेज में सेक्सुअल हरासमेंट जैसी घटनाओं पर नजर रखने के लिए दिसंबर ख्0क्ख् में तत्कालिन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में स्टेट के सेंसिटिव लोकेशन्स पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने का डिसीजन लिया गया था। मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल होम सेक्रेटरी, पुलिस डिपार्टमेंट के सीनियर ऑफिसर्स सहित के स्टेट के कई बड़े ऑफिसर मौजूद थे।
हैं कई फायदे
कई राज्यों में बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट के साथ-साथ लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पब्लिक प्लेसेज में सीसीटीवी कैमरा लगाने का मेन मोटो है
-ट्रैफिक मैनेजमेंट
-लॉ एंड ऑर्डर
-पब्लिक गैदरिंग, जुलूस जैसे स्पेशल इवेंट्स का मैनेजमेंट
-इंसीडेंट मैनेजमेंट
-रोड यूजर्स को जरूरी इन्फॉर्मेशन उपलब्ध कराना
सीसीटीवी कैमरा लगाने से कुछ खास असर नहीं पड़ा है। नही पड़ा है। कैमरे रिकॉर्ड क्लिपिंग को देखकर अगर कोई कारवाई हो तभी इसका कोई फायदा हो सकता है।
सुभाष, बिष्टुपुर
कैमरा लगने से पहले जो स्थिति थी आज भी वही है। सड़क पर गाडि़यां खड़ी होती हैं, कई बार रोड पर छोटे-बड़े झगड़े भी होते हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद प्रशासन तुरंत मौके पर नहीं पहुंचती है।
-मुन्ना प्रसाद गुप्ता, बिष्टुपुर
चौराहे पर कैमरा लगा होने के बावजूद अक्सर जाम की समस्या रहती है। कई बार दुकान पर आकर लोग तंग भी करते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है।
-प्रदीप गुप्ता, साकची
चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना अच्छी पहल है, लेकिन जब तक प्रॉपर मॉनिटरिंग और कुछ गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई नहीं हो तब तक कैमरा लगाने का कोई मतलब नहीं है।
-मोहित लाल, सोनारी
चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन इनका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है। कुछ गलत पाए जाने पर जब तक कार्रवाई नहीं हो तब तक कैमरा लगाया जाना महज एक खानपूर्ति ही है।
-आरके दूबे, साकची
जगह-जगह चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के बावजूद अक्सर घटनाएं होती हैं। कुछ ही दिनों पहले स्ट्रेट माइल रोड पर ऑटो स्टैंड के पास ऑटो से धक्का लगने पर एक महिला जमीन पर गिर गई। महिला को जाकर मैंने उठाया। कैमरे में रिकॉर्डिग देखकर प्रशासन का कोई व्यक्ति क्यों नहीं आया।
-मोहन यादव, साकची
कई महीने पहले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन कैमरा लगाए जाने के बावजूद स्थिति जस की तस है। अक्सर जाम की समस्या रहती है, पर इसकी तरफ किसी की नजर नहीं जाती है।
-सपन महतो, साकची
यहां अक्सर छोटी-मोटी एक्सीडेंट व बकझक की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। क्या करें यहां बैठे रहने के दौरान सारी घटनाएं देखने को मिलती हैं। कई बार लोग बीच-बचाव करने के मामले सामने भी आते हैं।
-बशिष्ठ झा, हॉकर, साकची गोलचक्कर
यहां अक्सर भीड़ रहती है और एक्सीडेंट की घटनाएं भी देखने को मिलती हैं। कई बार तो लोगों की आपस में मारपीट भी हो जाती है। कभी पुलिस पहुंची तो ठीक, नहीं तो लोग ही दोनों पक्ष को अलग कर देते हैं।
-दादू, टी स्टॉल संचालक, बंगाल क्लब गोलचक्कर
सीसीटीवी कैमरे के जरिए पुलिस ने कई क्राइम केस को डिटेक्ट किया है। इनमें कई महत्वपूर्ण केसेज भी हैं। जहां तक ट्रैफिक की बात है, तो जल्दी ही कैमरे के जरिए ट्रैफिक रूल्स वायलेशन करने वाले व्हीकल्स के फोटोग्राफ लेकर केस किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया चल रही है और इंजीनियर्स अपना काम कर रहे हैं। जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी।
-कार्तिक एस, सिटी एसपी
सीसीटीवी कैमरे के आधार पर पुलिस द्वारा कई मामलों में कार्रवाई की गई है। कंट्रोल रूम में इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग भी की जाती है। जहां तक जुबिली पार्क गेट के पास के घटना की बात है, तो वहां सूचना मिलने के बाद पुलिस को भेजा गया गया था।
-जसिंता केरकेट्टा, डीएसपी ट्रैफिक कम डीएसपी पीसीआर