जमशेदपुर (ब्यूरो): बिष्टुपुर सिटी का एक पॉश एरिया है। यहां कई अपार्टमेंट बने हैैं, लेकिन यहां पार्किंग के नाम पर स्पेस की कमी है। रविवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने इलाके के कई भवनों का जायजा लिया तो पाया कि कईयों में तो बेसमेंट नहीं है, तो कइयों के सामने पार्किंग स्पेस नहीं है। इतना ही नहीं कई जगह बेसमेंट तो है, लेकिन उसका कमर्शियल यूज हो रहा है।

बेसमेंट को बनाया गोदाम

बिष्टुपुर में नटराज बिल्डिंग, सचदेवा सेल्स वाली बिल्डिंग, मोती महल आदि कई भवन हैं, जहां पार्किंग की सुविधा नहीं है। मोती महल में कई होटल और दुकानें हैं, लेकिन यहां भी वाहनों की पार्किंग सडक़ पर होती है। इस कारण आधी सडक़ जाम रहती है, जिस कारण लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह जिस बिल्डिंग में सचदेवा सेल्स है, वहां बेसमेंट तो है, लेकिन उसे गोदाम का रूप दे दिया गया है। उसमें कार्टन भरे पड़े हैं।

रोड पर होती है पार्किंग

इसी तरह बिष्टुपुर मेन रोड के पीछे जिस भवन में कार्ज स्पा और मारुति केयर सहित अन्य संस्थान हैं, उसमें भी पार्किंग की सुविधा नहीं है। सडक़ पर ही पार्किंग होती है और वहीं रिपेयरिंग का भी काम होता है। इसी तरह आरजे एस बिल्डिंग के पास भी पार्किंग स्पेस नहीं है। मेन रोड पर स्थित जिस बिल्डिंग में होटल केसी मनोर है और पास ही स्थित अवतार बिल्डिंग का भी यही हाल है।

आधी सडक़ राहगिरों के लिए

बिष्टुपुर हो साकची, यहां रोड पर ही पार्किंग होती है। इस कारण आधी सडक़ वाहनों से पटी रहती है और आधी से लोग आना-जाना करते हैं। इस कारण आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। नगरपालिका अधिनियम में भी बेसमेंट का प्रावधान है और नक्शा पास करते वक्त भी बेसमेंट का यूज पार्किंग के लिए करने की बात होती है, लेकिन ज्यादातर भवनों में बेसमेंट ही नहीं हैं और अगर कहीं हैं, तो उनका कमर्शियल यूज होता है।

यह मामला पहले से ही चला आ रहा है और पुराने नियम के मुताबिक जो प्रावधान है, उसका विरोध हो रहा है। हम मामले में कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

कृष्ण कुमार, स्पेशल ऑफिसर, जेएनएसी