जमशेदपुर (ब्यूरो): रिक्त पदों को भरने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किसी तरह की कोई पहल न होने के कारण इसमें काफी दिक्कत हो रही है। गौरतलब है कि ईस्ट सिंहभूम के एमवीआई अवधेश कुमार सिंह विगत 31 दिसंबर 2021 को रिटायर हो गए। अब तक उनकी जगह किसी को पदस्थापित नहीं किया गया है। इससे ना केवल छोटी बड़ी गाड़ी के मालिकों को गाड़ी की फिटनेस लेने में परेशानी हो रही है बल्कि राजस्व की भी हानि हो रही है।
नहीं मिल पा रहा बीमा का लाभ
एमवीआई के नहीं रहने के कारण दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। नए लोगों को गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस नहीं मिल रहा है। इस कारण कई वाहनें खड़ी हैं और इस कारण उनके समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं कुछ वाहन मालिक बिना गाड़ी के फिटनेस के ही सडक़ पर अपनी वाहन चला रहे हैं। यह समस्या वाहन मालिकों के लिए बहुत जटिल और गंभीर हो गई है।
लोग लौट रहे बैरंग
आए दिन लोग एमवीआई कार्यालय में अपने वाहन की फिटनेस के लिए या फिर अन्य कार्यों के लिए जाते हैं, लेकिन वहां मौजूद कर्मचारी कहते हैं कि सरकार ने अभी किसी भी अफसर को पदस्थापित नहीं किया है। यह सुन वाहन ओनर बैरंग वापस लौट आते हैं। इस मामले को लेकर आज भाजपा नेता विकास सिंह ने भी उपायुक्त को मांगपत्र सौंपकर किसी अफसर को पदस्थापित करने या किसी को प्रभार देने की मांग की, ताकि वाहन मालिकों को असुविधा ना हो।
राज्य में 3 स्थायी एमवीआई
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में पूरे झारखंड में केवल तीन ही स्थायी एमवीआई हैं। इनके अलावा छह की दूसरे विभाग से इस पद पर प्रतिनियुक्ति की गई है। साथ ही कुछ के संविदा के आधार पर इस पर रखने की बात भी कही जा रही है।
660 करोड़ का टैक्स डिफॉल्टर
बता दें कि पूरे राज्य में लगभग 660 करोड़ रुपए का टैक्स डिफॉल्ट है। पद रिक्त रहने या पूर्णकालिक एमवीआई के न होने के कारण इस दिशा में काफी परेशानी हो रही है।
व्हीकल्स के री-रजिस्ट्रेशन में हो रही दिक्कत
एमवीआई के न होने के कारण वाहनों का फिटनेस नहीं हो पा रहा है। इसी तरह लाइसेंस जारी करने के लिए डीटीओ, ट्रैफिक डीएसपी और एमवीआई का पैनल बना हुआ है, लेकिन इस पैनल में अब एमवीआई नहीं हैं। इसके साथ ही खासकर वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।