ADITYAPUR: आदित्यपुर स्थित एनआइटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी) के पुस्तकालय में छात्रों के विलंब शुल्क की राशि जमा करने के मामले में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। इसमें तत्कालीन पुस्तकालध्यक्ष नीता भारती पर करीब आठ लाख रुपये की गड़बड़ी का आरोप है, लिहाजा उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। यह मामला सितंबर में ही सामने आया था.लाईब्रेरियन नीता भारती को उनके पद से हटा दिया गया उनके स्थान सहायक लाईब्रेरियन एन के सेठी को कार्यभार सौपा गया है। इसके बाद संस्थान ने मामले की जांच बीएचयू (बनारस ¨हदू यूनिवर्सिटी) के रजिस्ट्रार से कराई थी।
कार्रवाई की हो रही तैयारी
इस मामले में आरोपित नीता भारती का पक्ष लेने के बाद अब संस्थान ने उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जात है कि इस संबंध में 17 दिसंबर को प्रशासकीय समिति की बैठक होने वाली है, जिसमें पुस्तकालय अध्यक्ष नीता भारती की सजा तय कर दी जाएगी। वहीं इस मामले में संस्थान के रजिस्ट्रार सेवानिवृत्त कर्नल एनके राय ने कहा कि मामले की जांच की गई है। इसमें आरोपित शिक्षिका का पक्ष भी आ चुका है। अब इस मामले में संस्थान बोर्ड की बैठक में निर्णय लेगा। इस मामले में पुस्तकालयाध्यक्ष पर पदावनति या बर्खास्तगी के अलावा आर्थिक दंड लग सकता है।
1960 में हुई थी स्थापना
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी) जमशेदपुर देश के लगभग 20 संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना 1960 में हुई थी। पहले यह संस्थान क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी) के नाम से जाना जाता था। 27 दिसंबर 2002 को यह आरआइटी से एनआइटी में परिवर्तित कर दिया गया। भौगोलिक रूप से एनआइटी जमशेदपुर अब पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर की बजाय सरायकेला-खरसावां जिला स्थित आदित्यपुर में पड़ता है।