चाईबासा: सरकारी कानून और पुलिस कैंप के खिलाफ चाईबासा शहर के बीचों-बीच में नक्सलियों ने बैनर लगाकर खुलेआम प्रशासनिक व्यवस्था को चुनौती दी है। शहर के बीचों-बीच पहली बार भाकपा माओवादियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए दो जगह बड़े-बड़े बैनर लगाए हैं। इसको लेकर सुबह से ही दहशत का माहौल है। माओवादियों ने शहर के सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले इलाके बस स्टैंड के सामने डेली मार्केट मंगला हाट में लाल रंग का बैनर टांग दिया है। वहीं दूसरा बैनर क्रिकेट स्टेडियम के मार्केट में लगाया गया है। जिला मुख्यालय के सबसे भीड़ भाड़ वाले इलाके में नक्सलियों के द्वारा बैनर लगाए जाने से दहशत फैल गई है। खासकर बस स्टैंड के इलाके में नक्सलियों के बैनर लगाने से लोग हैरान भी हैं, क्योंकि यहां से सबसे करीब चाईबासा मंडल कारा है और चारों तरफ घनी आबादी है। रात में भी इस इलाके में लोगों की आवाजाही रहती है। ऐसे में नक्सलियों ने कब यहां आकर बैनर लगाया, इसको लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। बुधवार की सुबह 5 बजे मंगला हाट के दुकानदारों ने बैनर लगाए जाने की सूचना पुलिस को दी। दोनों बैनर के माध्यम से नक्सलियों ने अलग-अलग संदेश दिए हैं। नक्सलियों ने गांव-गांव में सरकार के खिलाफ पार्टी और फौज खड़ी कर संयुक्त मोर्चा बनाने का आह्वान भी किया है। साथ ही गांवों में बने पुलिस कैम्पों को हटाने के लिए लोगों से एकजुट होने का भी आह्वान किया है। इसमें सारंडा एक्शन प्लान का भी विरोध की गई है। बैनर टांगने की सूचना पर पहुंची सदर थाना की पुलिस ने दोनों बैनर को जब्त कर लिया है। साथ ही मामले की पड़ताल कर रही है ।
नए एसपी के लिए बड़ी चुनौती
पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ¨लडा मंगलवार को ही चाईबासा में पदभार ग्रहण किया है। उसी रात माओवादियों ने शहर के बीचों-बीच बैनर लगा कर पुलिस कप्तान को खुली चुनौती दे दिया है। बैनर देर रात लगाया गया है। बैनर हो भाषा में लिखा हुआ है। जिसमें पुलिस और सरकार के खिलाफ लोगों को एकजूट होने का अहवान किया गया है। वहीं चाईबासा बस स्टैंड दिन हो या रात 24 घंटा चहल पहल रहता है। क्योंकि देर रात तक लोग चौक में जमा होते हैं वहीं सुबह 3 बजे से ही अखबारों की गाडि़यां बस स्टैंड में ही अखबार उतारती है। साथ ही मंडल कारा के वाच टावर में 24 घंटा जवानों का पहरा रहता है। वाच टावर से दूर तक निगाह रखी जा सकती है। ऐसे में माओवादियों के द्वारा किया गया दुष्साहस सोचने वाली बात है।