-गोइलकेरा के कुईड़ा-हाथीबुरु और मेरेलगड़ा में कच्ची सड़क पर नक्सलियों ने सीरीज में बिछा रखा था बम
-बमों को बीडीडीएस की टीम ने किया नष्ट, नक्सलियों की फायरिंग का दिया मुंहतोड़ जवाब
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चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। जिला पुलिस, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और बीडीडीएस के संयुक्त ऑपरेशन में 64 आईईडी बम बरामद किए गए हैं। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी द्वारा पुलिस को निशाना बनाने के लिए बमों को कोडेक्स वायर के सहारे सीरीज में कच्ची सड़क पर प्लांट किया गया था। बमों को बरामद करने के बाद बीडीडीएस की टीम ने सतर्कता बरतते हुए सभी को नष्ट कर दिया। इस दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर फायरिंग की। मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की, जिसके बाद नक्सली जंगलों में भाग गए। एसपी इन्द्रजीत महथा ने बताया कि सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए भाकपा माओवादी नक्सलियों द्वारा बमों को प्लांट किया गया था। मामले में गोइलकेरा थाने में विस्फोटक अधिनियम, यूएपी, सीएलए और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पहले 40 फिर मिले 24 आईईडी बम
सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने जब संयुक्त कार्रवाई शुरू की तो पहले कुईड़ा-हाथीबुरु सड़क पर 40 आईईडी बम बरामद किए गए। करीब 500 फीट एरिया को कवर करते हुए ये बम एक दूसरे से कनेक्ट कर प्लांट किए गए थे। केन बमों को चिन्हित करने के बाद बीडीडीएस ने सावधानी पूर्वक निकाला और नष्ट करने की कार्रवाई की। इधर, मेरेलगड़ा की ओर करीब डेढ़ किमी आगे बढ़ने पर 200 फीट एरिया को कवर करते हुए बिछाए गए 24 और आईईडी बमों का पता चला।
सांडीबुरु की पहाड़ी से की फायरिंग
सुरक्षाकर्मियों द्वारा चलाए जा रहे अभियान का पता चलते ही नक्सलियों ने सांडीबुरु की पहाड़ी से फायरिंग की। लेकिन पूरे इलाके में चप्पे-चप्पे पर फोर्स की तैनाती थी। चौकन्ने पुलिस के जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की। जिससे नक्सली पीछे हटने को मजबूर हो गए।
20 किलो तक के बम
अभियान के दौरान सड़क से बरामद बम अलग-अलग वजन के थे। इसमें 20 किलो वजन के भी बम थे। जो बेहद शक्तिशाली बताए जा रहे हैं। सड़क पर कंटेनर, केन और कुकर में बमों को बनाकर प्लांट किया गया था।
आईजी अभियान कर रहे थे पूरे मामले की मॉनिटरिंग
सुरक्षाबलों के संयुक्त ऑपरेशन की मॉनिटरिंग रांची के पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) कर रहे थे। उनके दिशा निर्देश में कोल्हान और सीआरपीएफ के डीआईजी भी लगातार नजर बनाये हुए थे। छापेमारी टीम में अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) प्रणव आंनद झा, टूआईसी राजू डी नायक, जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ की 60 बटालियन, झारखंड जगुआर की एजी 41 और बीडीडीएस 08 की टीमें शामिल थीं।
तीन दिन पहले पोस्टरबाजी कर दी थी चेतावनी
भाकपा माओवादियों ने तीन दिन पहले 9 जून मंगलवार को सोनुआ थानाक्षेत्र के झिंगामर्चा, उडनियां और आसपास के क्षेत्रों में पोस्टरबाजी कर पिछले दिनों पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गये तीन महिला नक्सली शांति, प्रियंका और सुजाता को शहीद करार देते हुए उनकी मौत का बदला लेने की चेतावनी देते हुए पुलिस को निशाना साधा था।
निशाने पर थे 70-80 पुलिस व सुरक्षा बलों के जवान
भाकपा माओवादियों ने जंगल के रास्ते में सुनियोजित तरीके से आईईडी बमों को ठीक उतनी दूरी के अंतराल पर प्लांट कर रखा था, जितनी दूरी के अंतराल पर सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस व सुरक्षा बलों के जवान आपस में दूरी बनाकर चलते हैं। अभियान एएसपी प्रणव आनंद झा और सीआरपीएफ के पदाधिकारी राजू डी नायक के मुताबिक, नक्सलियों ने जितने क्षेत्र में आईईडी बम लगाये थे, उसकी चपेट में आ जाने से करीब 70 से 80 पुलिस व सुरक्षा बलों के जवानों को क्षति पहुंचती।