JAMSHEDPUR: अगर आपने एक लक्ष्य तय किया और पूरी शिद्दत से उसे पाने में जुट गए, तो एक दिन सफलता आपके कदमों में होगी। जमशेदपुर की सुशीला अग्रवाल पर यह बात सौ फीसदी सटीक बैठती है। मजबूरी में वे अपने परिवार के व्यवसाय में जुड़ीं और दिन-रात मेहनत कर उसे एक नया आयाम दिया।

आ गई परिवार की जिम्मेदारी

कुछ साल पहले पति के साथ एक दुर्घटना घटी। इसके बाद परिवार की जिम्मेदारी सुशीला के कंधों पर आ गई। उन्हें कुछ सुझ नहीं रहा था कि क्या किया जाए? परिवार की गाड़ी को कैसे आगे बढ़ाया जाए? उन्हें अपने परिवार के सीमेंट कारोबार को ही आगे बढ़ाने का निर्णय लिया, लेकिन परेशानी यह थी कि उन्हें इस व्यवसाय का एबीसी भी पता नहीं था। जल्द ही अपनी कड़ी मेहनत और जोश के साथ उन्होंने अपने लिए एक खास जगह बना ली। जमशेदपुर के औद्योगिक बेल्ट में उनकी प्रतिष्ठा बन चुकी है। आज वे क्षेत्र में कई लोगों को रोजगार दे रही हैं।

सबकुछ आसान नहीं था

ऐसा नहीं था कि सुशीला के लिए सबकुछ आसान था। दूसरी महिलाओं की तरह उन्हें भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्हें समाज के ताने भी सुनने पड़े। कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि एक अनुभवहीन महिला कैसे पारिवार का कारोबार संभाल सकती है। बिजनेस को लेकर उनका इरादा मजबूत था और परिवार से भी उन्हें सहयोग मिला। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज तो कई महिलाएं उनसे प्रेरणा ले रही हैं। सुशीला ने अपना कारोबार शहर व असपास के अलावा बहरागोड़ा, पुरुलिया और सिंहभूम के अन्य हिस्सों में भी फैलाया है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि दृढ़ निश्चय हो तो इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है।