JAMSHEDPUR: तेज रफ्तार में आ रही मुंबई-हावड़ा मेल (12809) सोनुवा और लोटापहाड़ स्टेशन के बीच दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बची। घटना सोमवार की रात करीब 2.30 बजे की है। ट्रेन के इंजन से सटे एसएलआर कोच में तय वजन से ज्यादा माल होने के कारण वैक्यूम पाइप फट गया और एसएलआर कोच बीच से बेंड होकर जमीन से छूने लगा। स्थिति को देखने के बाद चालक ने ट्रेन को आगे ले जाने से इंकार कर दिया। सूचना पर चक्रधरपुर से रिलीफ ट्रेन को भेजा गया।
इंजन और एसएलआर कोच को काटकर अलग किया गया। जिसकी बाद दूसरे इंजन की मदद से ट्रेन को उल्टी दिशा में दोबारा सोनुवा स्टेशन ले जाया गया। ट्रेन के हर बोगी की जांच के बाद सुबह छह बजे ट्रेने को टाटानगर स्टेशन के लिये रवाना किया गया। ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब पांच घंटे विलंब से सुबह 7.05 में टाटानगर स्टेशन पहुंची। दूसरी ओर रिलीफ ट्रेन की मदद से किसी तरह एसएलआर कोच को लोटापहाड़ साइ¨डग में लगाया गया। जहां रेलवे के अधिकारियों की मौजूदगी में गैस कटर की मदद से कोच का गेट काटकर माल को उतारा गया। चक्रधरपुर मंडल के डीआरएम ने मामले में जांच टीम गठित की है।
यात्रियों में भय का माहौल
सोनुवा और लोटा पहाड़ स्टेशन के बीच जोरदार झटके के साथ ट्रेन के रुकने के साथ अंधेरे में ट्रेन खड़ी रहने से यात्रियों ने भय के माहौल में रात काटी। जब दोबारा ट्रेन चली तो लोगों ने राहत की सांस ली।
ट्रेन ड्राइवर ने दिखाई समझदारी
एसएलआर कोच के बीच से बेड होने पर चालक ने ट्रेन को आगे ले जाने से इन्कार कर दिया। यदि चालक जबरन ट्रेन को लेकर निकल जाता तो रास्ते में ट्रेन के दुर्घटना होने की पूरी संभावना थी। ट्रेन के चालक की सूझबूझ से यात्रियों की जान बच गई।
जांच होती तो नहीं होता हादसा
कई किमी की दूरी तय करने के बाद मुंबई मेल सोमवार की देर रात्रि सोनुवा स्टेशन पहुंची थी। इस बीच कहीं एसएलआर कोच की जांच नही हुई। यदि बीच के किसी स्टेशन पर जांच हुई होती तो यह हादसा नहीं होता।