JAMSHEDPUR: टाटा स्टील द्वारा शुक्रवार शाम होटल अलकोर में माइंड ओवर मैटर के छठवें संस्करण का फाइनल हुआ। इसमें बीआइटी मेसरा रांची की ज्योति विजेता बनी। कंपनी की ओर से उसे एक लाख रुपये का इनाम मिला। वहीं, दूसरे स्थान पर बीआइटी सिंदरी के ऋषि राज और जया को 75 हजार रुपये व तीसरे स्थान पर एनआइटी जमशेदपुर के अश्विनी कुमार व अनीस वर्णवाल को 50 हजार रुपये संयुक्त रूप से मिले। सभी विजेता वर्ष 2020 में बतौर जूनियर इंजीनियर ट्रेनी (जीईटी) टाटा स्टील में ज्वाइन करेंगे। इस दौरान उन्हें प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये से ज्यादा पैकेज मिलेगा।
टाटा स्टील द्वारा प्रतिवर्ष देश के प्रतिष्ठित 40 कॉलेजों के लिए माइंड ओवर मैटर प्रतियोगिता आयोजित करती है। इस वर्ष 1000 बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया। फाइनल रांउड में कुल 21 बच्चे चयनित हुए। जिन्होंने टाटा स्टील में पहले इंटर्नशिप करते हुए रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग के अधिकारियों की मदद से विभिन्न विषयों पर प्रोजेक्ट तैयार किए थे। फाइनल राउंड में इसे जजों के सामने प्रस्तुत किया गया और इसी के आधार पर विजेताओं का चयन हुआ। जज के रूप में टाटा स्टील के ग्राफीन बिजनेस चीफ सुमितेष दास, चीफ जया सिंह पांडा और चीफ प्रोडक्ट रिसर्च अतनु रंजन पाल शामिल थे। वहीं, पांच में से जो दो टीम प्रतियोगिता नहीं जीत पाई उन्हें टाटा स्टील मौका देगी कि वे बिना लिखित परीक्षा या ग्रुप डिस्कशन के सीधे इंटरव्यू में शामिल हो पाएं।
अवसर को पहचानें: चाणक्य
अतिथि टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी ने सभी बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हर अवसर को पहचानों। अवसर को कभी नजरदांज नहीं करना चाहिए। प्रतियोगिता में जीत और हार होती रहती है। लेकिन हारने के बाद भी जीतने का जज्बा नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा कि टाटा स्टील में एक पद के लिए मैंने लगातार दो वर्षो तक परीक्षा दी लेकिन चयनित नहीं हुआ। तीसरे वर्ष एक अधिकारी ने मुझे कहा कि हारने का मतलब यह नहीं की आगे प्रयास न करें। इस बार अपना बेस्ट प्रदर्शन दो और मैंने ऐसा ही किया और चयनित हुआ।
टीएमएच को आयुष्मान से जोड़ना है : वीपी
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने बताया कि टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) को आयुष्मान से जोड़ने से पहले कुछ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। प्रक्रिया जारी है लेकिन यह कब तक पूरी होगी? आयुष्मान योजना कब से टीएमएच में शुरू होगी? यह मैं नहीं बता सकता। वहीं, टीएमएच में बेड व डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के सवाल पर भी उन्होंने कहा कि यह अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पहले व्यवस्था शुरू हो जाए इसके बाद उसकी समीक्षा कर ही कुछ कहा जा सकता है। वहीं, मणिपाल मेडिकल कॉलेज के विषय पर भी उन्होंने कहा कि प्रक्रिया चल रही है। जब प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो उसे सार्वजनिक किया जाएगा।