JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गुरुवार को अफरा-तफरी का माहौल रहा। सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक यहां की नर्से बकाए वेतन के भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल पर रहीं। ये नर्से आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से अस्पताल में तैनात की गई हैं।
मरीजों को हुई परेशानी
हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी हुई। हालांकि, देर शाम को एजेंसी द्वारा इन्हें वेतन का भुगतान किए जाने के बाद हड़ताल को खत्म कर दिया गया और नर्से काम पर लौट आईं। बताते चलें कि आउटसोर्स एजेंसी की तहत तैनात करीब 400 कर्मचारियों को बीते चार माह से वेतन मिलने में परेशानी हो रही है। इसे लेकर वे पूर्व में भी हड़ताल कर चुकी हैं। तब कुछ माह का वेतन मिला था, लेकिन इसके बाद फिर से वेतन मिलना बंद हो गया। अभी भी कुछ वैसे कर्मचारी तैनात हैं जिनको वेतन नहीं मिला है। नर्सो के हड़ताल पर जाने से मरीजों को न तो समय पर दवा मिल सकी और न ही समय पर स्लाइन चढ़ पाया। इधर, शिवा प्रोटेक्शन एजेंसी के संचालक चंदन सिंह का कहना है कि उन्हें बीते दस माह से सरकार की ओर से फंड उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके बावजूद वे हर माह कर्मचारियों का वेतन कर रहे हैं। एक-दो महीने की देरी होती है।
अधीक्षक का भी किया घेराव
वेतन नहीं मिलने से नर्सो में आक्रोश दिखा। उनका कहना था कि बीते कई माह से वे न तो किराया दे पाईं हैं और न ही राशन दुकान में पैसा। खाना खाने पर भी आफत है। इसे लेकर नर्सो ने अधीक्षक डॉ। संजय कुमार व उपाधीक्षक डॉ। नकुल प्रसाद का घेराव भी किया।
बकाए वेतन के भुगतान की मांग को लेकर आउटसोर्स नर्से हड़ताल पर थीं, लेकिन देर शाम एजेंसी से उन्हें वेतन देने पर सहमति बनी। इसके बाद नर्सो ने हड़ताल खत्म कर दिया और वापस काम पर लौट गईं।
- डॉ। संजय कुमार, अधीक्षक, एमजीएम
जीएनएम छात्राओं ने अधीक्षक को घेरा
आउटसोर्स नर्सो को हड़ताल पर जाने से गुरुवार को जीएनएम स्कूल की छात्राओं को अचानक बुला लिया गया। इससे छात्राएं भड़क गईं और महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक का घेराव कर दिया। छात्राओं ने कहा कि वसंत पंचमी को अवकाश रहता है और इस दिन वे व्रत रखकर ही सरस्वती पूजा करती हैं। ऐसे में बिना कोई पूर्व सूचना दिए वे अचानक काम करने की स्थिति में नहीं है। इसपर अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि आउटसोर्स की नर्से भी बिना कोई पूर्व सूचना दिए हड़ताल पर चली गई हैं। जिसके कारण मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है।