छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के वर्तमान सुपरिंटेंडेंट डॉ। आरके मंधान को पद से हटा दिया गया है। उन्हें वेटिंग फॉर लिस्ट में रखा गया है। उनके स्थान पर एमजीएम अस्पताल के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ। संजय कुमार को अगले आदेश तक अधीक्षक पद की जिम्मेदारी दी गई है। बुधवार को दिन के करीब चार बजे सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी की। डॉक्टरों ने डॉ। मंधान को हटाने पर सवाल खड़े किए। कहा मंत्री-संत्री सब आए, कोई अस्पताल की हालत न बदल पाया। ऐसे में डॉ। मंधान ने क्या गलत किया, कि उन्हें 74 दिन में ही पद से हटा दिया गया। वे तीन अगस्त 2019 को अधीक्षक बनाया गया था। इससे पूर्व अधीक्षकों के साथ भी कुछ इसी तरह की रवैया अपनाया जाता रहा है। डॉ। एएन मिश्रा को सिर्फ 16 दिन के लिए अधीक्षक बनाया गया था। वहीं डॉ। आरवाई चौधरी को 86 दिन, फिर डॉ। एएन मिश्रा को 87 दिन उसके बाद फिर डॉ। आरवाई चौधरी को 206 दिन उसके बाद फिर डॉ। एएन मिश्रा को 87 दिन के लिए अधीक्षक बनाया गया। बीते सात साल में दस से अधिक अधीक्षक बदले गए लेकिन अस्पताल की व्यवस्था जस की तस है।
अनकंट्रोल हो गया था शुगर
एमजीएम अस्पताल की अव्यवस्था से वर्तमान अधीक्षक डॉ। आरके मंधान चिंतित रहते थे। कई बार अस्पताल की हालत सुधारने को विभाग से पत्राचार किया, लेकिन कुछ न हुआ। इससे डॉ। मंधान का शुगर लेबर लगातार बढ़ते जा रहा था। इसे देखते हुए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ। नीतिन मदन कुलकर्णी को दो बार पत्र लिखा।
विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में वर्तमान अधीक्षक के बारे में जिक्र नहीं है। सिर्फ मुझे अधीक्षक बनाए जाने की सूचना है। इसलिए गुरुवार को अस्पताल आऊंगा और वर्तमान अधीक्षक व स्वास्थ्य सचिव से बात कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ। संजय कुमार, नए अधीक्षक, एमजीएम।
उच्च अधिकारियों से अधीक्षक को हटाने के मामले में करूंगा बात : सरयू राय
राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है कि बार-बार अधीक्षक बदलने से व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता। विभाग को सोच समझकर एक स्थायी अधीक्षक बहाल करना चाहिए। ताकि वह खामियों को समझकर उसे दूर कर सकें। इतने कम-कम समय में अधीक्षक का बदली होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी स्थिति में काम नहीं हो सकता। मंत्री ने कहा-इसके बारे में मैं उच्च अधिकारियों से बात करुंगा। अस्पताल में ड्रेसर, बार्ड ब्याय सहित अन्य कर्मचारियों की भारी कमी है, उसकी नियुक्त जरूरी है.'