JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित पूर्वी सिंहभूम जिले में तैनात सभी डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, जीएनएम, एएनएम, जूनियर डॉक्टर, इंटर्न व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की छुट्टी 30 मई तक रद कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ। नीतिन मदन कुलकर्णी ने इस संदर्भ में एमजीएम अधीक्षक व सिविल सर्जन को एक पत्र जारी कर आदेश दिया है। पत्र में बताया गया है कि विभिन्न जिलों से शिकायत मिल रही है कि स्वास्थ्य कर्मी, चिकित्सा पदाधिकारी बिना किसी सूचना के मुख्यालय से अनुपस्थित हो रहे है। कोरोना वायरस के दौर में इस तरह की लापरवाही गंभीर है। ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए सख्ती के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

आउटसोर्स कर्मियों को हटा रही एजेंसी

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। इसकी शिकायत लेकर बुधवार को कुछ कर्मचारी डीसी रवि शंकर शुक्ला के पास पहुंचे। डीसी ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। वहीं ज्ञापन का प्रतिलिपि प्रधानमंत्री कार्यालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व एमजीएम अधीक्षक को भेजा है। इसमें बताया गया है कि एजेंसी द्वारा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। साथ ही काम से भी हटाया जा रहा है।

हॉस्पिटल लाने के दौरान मौत

घाटशिला से जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाने के दौरान बुधवार को एक महिला मरीज की मौत हो गई। इसके बाद कोरोना के संदेह में उसका नमूना लेकर शव को शीतगृह में रखवा दिया गया। रिपोर्ट आने के बाद उसका दाह संस्कार हो सकेगा। मृतक घाटशिला के सादपुर गांव निवासी है। परिजनों ने बताया कि महिला की सांस अचानक से फूलने लगी। इसके बाद उसे घाटशिला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया। वहां इलाज की सुविधा नहीं होने की वजह से एमजीएम रेफर कर दिया गया। यहां लाने के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि इलाज के अभाव में मौत हुई। अगर, घाटशिला में इलाज की सुविधा होती तो उसे जमशेदपुर नहीं लाना पड़ता।