छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) सिंडिकेट की आपात बैठक सोमवार को चाईबासा स्थित प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रोफेसर डॉ। शुक्ला माहांती की अध्यक्षता में आयोजित की गई। यह बैठक कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ। पीके पाणि के लियेन (ग्रहणाधिकार) को ब्रेक करने को बुलाई गई थी। इस बैठक में लियेन को ब्रेक किया गया तथा आगे के दो साल के लियेन निरस्त कर दिया गया। सिर्फ डॉ। पाणि को ओएसडी डॉ। प्रभात सिंह को प्रभार सौंपते हुए जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में योगदान देने का निर्देश दिया गया। इस बैठक में कुलपति प्रोफेसर डॉ। शुक्ला माहांती के अलावा कुलसचिव डॉ। एसएन सिंह, कुलानुशासक डॉ। एके झा, सिंडिकेट सदस्य गुहा राम, अमिताभ सेनापति, मनोज सिंह, प्रिंसिपल डॉ। एसपी महालिक, डॉ। केएन प्रधान, डॉ। प्रभा खलको, उप कुलसचिव एमके मिश्रा, मंगलेश्वर भगत उपस्थित थे।
विवाद का हुआ अंत
कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ। पीके पाणि की सेवानिवृत्ति को ले माह अगस्त माह से विवाद चल रहा है। कोल्हान विवि का कहना है कि परीक्षा नियंत्रक का पद गैर शैक्षणिक है, इस कारण वे 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त माने जाएंगे। इस हिसाब से वे 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए। केयू को यह जानकारी होने पर डॉ। पीके पाणि का वेतन रोक दिया गया और शोकॉज किया गया। शोकॉज के जवाब में विश्वविद्यालय की कुलपति को उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से चार साल का लियेन दिया गया है। जेपीएससी ने उन्हें चार साल के लिए परीक्षा नियंत्रक के पद पर बहाल किया है। इस कारण उन्हें सेवानिवृत्त न माना जाये। इसके बाद यह मामला राजभवन गया। राजभवन में भी परीक्षा नियंत्रक ने अपना पक्ष रखा। पिछले दिनों ही राजभवन ने डॉ। पाणि के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें सेवानिवृत्त न मानने का निर्देश देते हुए आगे की प्रक्रिया नियमानुसार करने को कहा। इसके बाद सिंडिकेट की बैठक बुलाकर प्रक्रिया पूरी की गई। अब वे जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में शिक्षक के रूप में योगदान देंगे तथा 65 की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे।